Hindi Lullaby : निंदिया री
एक लोरी इविका के लिए निंदिया री धीरे धीरे आ जा ना निंदिया री इवी को सुला जाना मेरी इविका पलना में झूला झूले रे पछुवा हवा धीरे धीरे झोंटा देवे रे निंदिया री धीरे धीरे आ जा ना मीठे मीठे सपनों में ले जा ना बदरिया आज फिर घिर के आई है और बिज़ूरिया कहीं पे गिर आई है निंदिया री तू इनसे बचा जा ना मेरी इवी को धीरे धीरे सुला जा ना मेरी मुनिया सपनों में खो जाएगी परियों की साथी वो हो जाएगी निंदिया री धीरे धीरे सुला जा ना निंदिया री धीरे धीरे आ जा ना ना जाने क्यों पूरी रात जागी वो ना जाने किसकी नज़र लागी हो निंदिया री बुरी नज़र से बचा जा ना निंदिया री बिटिया को सुला जा ना - प्रदीप गुप्ता