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Showing posts from September, 2019

Hindi Lullaby : निंदिया री

एक लोरी इविका के लिए निंदिया री धीरे धीरे आ जा ना  निंदिया री इवी को सुला जाना  मेरी इविका पलना में झूला झूले रे  पछुवा हवा धीरे धीरे   झोंटा देवे रे  निंदिया री धीरे धीरे आ जा ना  मीठे मीठे सपनों में  ले जा ना   बदरिया आज फिर घिर के आई है  और बिज़ूरिया कहीं पे गिर आई है   निंदिया री तू  इनसे बचा जा ना  मेरी इवी को धीरे धीरे सुला जा ना   मेरी मुनिया सपनों में खो जाएगी  परियों की साथी  वो हो जाएगी निंदिया री  धीरे धीरे सुला जा ना  निंदिया री धीरे धीरे आ जा ना   ना जाने क्यों पूरी रात जागी  वो   ना जाने किसकी नज़र लागी हो  निंदिया री बुरी नज़र से बचा जा ना  निंदिया री बिटिया को सुला जा ना                                    - प्रदीप गुप्ता 

Hindi Poem : नफ़रत से डर और प्यार से ज़िन्दगी

नफ़रत से डर और प्यार से ज़िन्दगी... हमारे तुम्हारे बीच में  ऐसा क्या घटित हो गया है  जो हम एक दूसरे के दुश्मन बनते जा रहे हैं  यह तुमने कहाँ से सीख लिया है  अगर मैं तुम्हारे बात से सहमत नहीं हूँ  तो मैं तुम्हारे साथ नहीं  हूँ  मुझे तुम्हारे साथ रहने का हक़ ही नहीं है . सवाल यह है कि आख़िर  सदियों से चली आ रही दोस्ती  महज  सहमति या  फिर असहमति की  तराज़ू पे भला कैसे तौली जा सकती हैं . सम्बंध महज  दो ध्रुवीय नहीं होते  इन्हें सींचना पड़ता हैं  कभी हँसी , कभी भावनाओं तो कभी प्रेम से  कभी आँसू से तो कभी उद्वेग से  तो कभी पकवानों की सुगंध से भला इसमें नफ़रत की गुंजाइश कहाँ है .  जब तुम नफ़रत करते हो तो हमेशा डरे डरे से रहते हो  अभी भी समय है  नफ़रत को प्यार में बदलने का  ज़िन्दगी प्यार का दूसरा नाम है .                              -प्रदीप गुप्ता 

Hindi Poem अंतरिक्ष और आदमी

अंतरिक्ष और आदमी ............ कॉल बेल बजी  बाहर आ कर देखा  दरबारी लाल शर्मा खड़े हुए हैं  हाथ में जलेबी फ़ाफड़ा के दो डब्बे हैं  मैंने पूछा, ‘शर्मा जी भाभी जी की कोई ख़ुशख़बरी है ?’ चेहरे पे क्षणिक ग़ुस्सा दिखा,’ यार मजाक की  भी कोई हद होती है , पचपन साल की उम्र में उनसे ख़ुशख़बरी की बात , लगता है सठिया गए हो.’ ‘फिर ?’ ‘भाई टीवी देखना बंद कर दिया है क्या ? हमारा चन्द्रयान  चंद्रमा की कक्षा में पहुँच गया है . हम भी दुनिया की बड़ी ताक़त बन गए हैं . लो जलेबी फ़ाफड़ा खाओ .’ जलेबी भी ली फ़ाफड़ा भी लिया पर सोच में पड़ गया. आख़िर एक ताक़तवर मुल्क किसे कहते हैं ? तभी कौंध गईं पिछले महीनों की चंद घटनाएँ  एक अस्पताल में बच्चे अपनी जान इस लिए खो बैठे थे  क्योंकि आइसीयू में उनके लिए जगह नहीं थी  पर्याप्त डाक्टर नहीं थे  लोग सड़क पर इसलिये लोग जान गवाँ देते हैं  क्योंकि सड़कें गड्ढों से अटी पड़ी हैं  इंसान की क़ीमत जानवर से कम आँकी जा रही है  सही मामले में ताक़तवर तभी  बन सकते हैं  जब...

Hindi Poetry : एक कविता कविता के बारे में .

एक कविता कविता के बारे में . कवितायें  होने और ना होने के बीच के दस्तावेज़ हैं  जब यह आम आदमी के दुःख दर्द का बयान करती है  जब ये ज़ुल्म के खिलाफ आग उगलने लगती हैं  जब ये ग़रीब अमीर के बीच खाई पर तंज कसती हैं  युगदृष्टाओं को अपना रास्ता बदलने पर  मजबूर कर देती हैं  ठिठक जाते हैं इनके कारण  न्यायधीशों के क़लम कोई ग़लत फ़ैसला लिखने से पहले.  इन्हें पढ़ कर ही हमारे आपके बीच  पैदा होते हैं भगत सिंह इन्हें पढ़ कर बदल जाते हैं  निज़ाम . पर जिस दिन इनमें से आने लगती है  चाटुकारिका की दुर्गन्ध  समझ लेना  ये कवितायें नहीं रह गई हैं .                   - प्रदीप गुप्ता 

Hindi Poetry : अपने अपने घेरे के राजा.

अपने अपने घेरे के राजा.  मैंने ज़मीन पर अपने इर्द गिर्द घेरा खींच दिया है  अब मैं भी राजा हूँ . जो मेरी धारणा है  जो मैंने सोच लिया है  उससे इतर इस घेरे में कुछ नहीं आने दूँगा . तुम अब तक मेरे कमतर होने का मजाक बनाते थे  वह अतीत की बात हो गयी  है.  दुनिया का विस्तार  दूर के देशों की बोली  खान पान , वेशभूषा , रीति रिवाज  मेरे इस घेरे में प्रवेश नहीं कर सकते  क्योंकि अब मैं ही तय करूँगा क्या खाऊँ , पीयूँ , पहनू , क्या सोचूँ , क्या देखूँ,क्या बोलूँ    अब मैं यहाँ का राजा हूँ . तुम्हें इससे क्या परेशानी है ? यह क्या ? तुम लोग मुझे लक्षित करके पत्थर क्यों उछाल रहे हो ? इस क़िस्म के घेरे में रहने वाले लोग बहुत बढ़ गए हैं  फ़रक यह है  मेरा घेरा बहुत छोटा है  उनके घेरे बहुत बड़े बड़े हैं . तुम भी अपने इर्द गिर्द ऐसा ही घेरा खींच लो तुम्हारे दुखों का भी अंत हो जाएगा दुनिया की किसे पड़ी है .                   -प्रदीप गुप्त...

Hindi Poetry : हवाओं के खिलाफ खड़ा होना .

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हवाओं के खिलाफ खड़ा होना . कहना बहुत सरल है , मगर सच में हवाओं के ख़िलाफ़ खड़ा होना बहुत मुश्किल है  कभी पेड़ों से बात करके देखिए. यही नहीं हवा कोई भी हो  पुरवाई या फिर पछुआ वृक्ष को सीधे खड़े देख कर टेंशन में आ ज़ाती है  फिर शुरू होती है हवा की साजिश  कभी तेज़ चलती है तो कभी अंधड़ बन जाती है  इस साज़िश में अपने साथ मिला लेती है  बारिश को , बिजली को , ओलों को. पर एक बात माननी होगी  वृक्ष का स्वभाव संघर्ष है  पत्ती साथ छोड़ देती हैं  टहनियाँ भी झुक ज़ाती हैं , टूट जाती हैं  पर पेड़ संघर्ष करता रहता है  जब तक कि उसका  तना ज़मीन पर बिछ नहीं जाता.  पर वृक्ष की एक और ख़ूबी भी है  भले ही लहूलहान हो जाय दम तोड़ दे  लेकिन जब थक कर हवायें चली जाती हैं  बारिश लौट आती है  फिर उसके  ज़मीन में दबी जड़ें  वापस उसका आकार लेने लगती हैं .                                    ...
विरासत ................... कल मुझे एक मित्र ने बुलाया  गपशप के बाद बोले,’ मित्र एक सही चाहिए तुम्हारी ‘ काग़ज़ निकाल कर सामने रख दिए  मैंने पूछा ,’भाई, क्या है यह सब ?’ कहने लगे , ‘यार ज़िन्दगी का क्या भरोसा  सोचता हूँ वसीहत लिख दूँ ,अपनी सम्पत्ति के बारे में  अभी से तय कर दूँ किस को क्या मिलेगा  नहीं तो बाद में लड़के लड़कियों में जूतम पैजार होगी पत्नी को भी पता रहेगा उसके पास क्या रहेगा  कम से कम मेरे बाद  उसे किसी  के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा .‘ बात बड़े मार्के की कही थी उसने. दस्तखत किए मगर सोच में पड़ गया  अगर मुझे अपने वसीहत लिखने पड़े तो अपने पास क्या है ? छोटी सी नौकरी में ज़िन्दगी कट गयी  बच्चों की पढ़ाई, शादियाँ और दूसरी ज़िम्मेवरियाँ  कहाँ से लाते बड़े बड़े बैंक बैलेंस, अचल सम्पत्तियाँ . किसी तरह बस एक छत ज़रूर कर दी  भगवान ने अपने सर पर . पर मुझे लगता है हमारी विरासत  इससे कहीं बड़ी हो सकती है  रचते रहिए शब्दों का संसार  आपके रचे हुए शब्द न सिर्फ़ पत्...

A poem for daughters

एक कविता बेटियों के नाम ........ बेटियाँ महज़ बेटी नहीं होती हैं कितने सहजता से कई रोल ओढ़ लेती हैं वो माँ हैं पत्नी हैं बुआ हैं मामी हैं चाची हैं दादी और नानी हैं शेफ़ हैं ड्राईक्लीनर हैं मसाज भी करती हैं अपने बच्चे के लिए एक टीचर भी है एक थके हुए पिता के लिए छांव भी हैं माँ के लिए वक़्त के दर्पण में अपना ही प्रतिबिम्ब हैं. कई बार मुझे लगता है सर्कस के ट्रेपीज कलाकार भी इनके सामने बौने हैं क्योंकि पति आफिस से आ कर टीवी का बटन उमेठ कर देखता है अपनी पसंद का शो और वो चाय , खाना और होमवर्क कई बार तो आफिस का बचा वर्क भी ऐसी फुरती से करती हैं जैसे अभी दिन की शुरुआत हुई हो. कई बार तो लगता है देवता बेटी के रूप में जन्म लेते हैं .

ecoBirdy : tackling Plastic Pollution

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डिजायनरों के कुम्भ में पर्यावरण के सरोकार - प्रदीप गुप्ता  लंदन  हर साल सितम्बर में लंदन में होने डिज़ायनरों के कुम्भ में वापस  फिर से घूम रहा हूँ . इस बार यहाँ ऐंटवर्प , बेल्जियम की कम्पनी ईकोबरडी (ecoBirdy) ने लोगों का ध्यान खींचा है , कम्पनी ने अपनी शोध और सोच से रास्ता दिखाया है कि प्लास्टिक वेस्ट से वापस उत्कृष्ट क्वालिटी की चीज़ें बनायी जा सकते हैं . यदि इस तकनीक को अन्य देशों में भी अपनाया जाय तो समुद्र , नदियों, झीलों में बहाए जाने वाले प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले ख़तरे को टाला जा सकता है . प्लास्टिक के कारण पर्यावरण को होने वाली हानि की ओर दुनिया का ध्यान हाल ही के वर्षों में गया है लेकिन ईकोबरडी ने इस दिशा में काम काफ़ी पहले ही शुरू कर दिया था . ईकोबरडी ने अपने प्रारम्भिक शोध में पाया कि टॉय उद्योग लगभग बीस बिलियन डालर से भी अधिक के खिलोने पिछले वर्ष में बेचे थे जाहिर  सी बात है कुछ समय बच्चों  के हाथ में रहने के बाद वेस्ट और प्रदूषित पदार्थ में बदल जाएँगे .  कंपनी के डिज़ायनर जोरिस  वेनब्रील और वानेसा युवान ने सोचा कि यदि ...

Fighting Pollution ecoBirdy Way.

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मुसाफ़िर     हूँ     यारों :  Fighting Pollution ecoBirdy Way. Today, I was today at London Design Fair and met ecoBirdy team from Antwerp, who has done some breakthrough in controlling plastic pollution. Environmental issues related to plastic pollution has received global concern in recent years , but ecoBirdy’s studies and researches started already many years ago. During these researches they found out that toy    sector uses plastic most intensively. And most of it is not recycled. There were many questions and challenges came up: Why is it so difficult to recycle plastic toys? How to change this? Is it possible to improve the recycling process with today’s technology? Joris also gives some insights into the technical development of the recycling process. And then the highlight, the result of their efforts of more than two years of researches and hard work: They made chair Charlie - entirely made of recycled plastic – Despite all difficu...

Hindi Poetry : इकबलिया बयान.........

इकबलिया बयान......... जी हाँ हुज़ूर, मैं गुनहगार हूँ  इससे पहले कि  त्रोल आर्मी मेरे गुनाह खोजना शुरू करे  मैं ख़ुद क़बूल कर लेती हूँ . पहला गुनाह तो मेरी पैदाइश है  हालाँकि इसमें थोड़ा क़सूर उस डाक्टर का भी है  जो  गर्भ में मेरा सेक्स सही सही तय नहीं कर पायी  नहीं तो मेरे पिता मुझे पैदा होने ही नहीं देते  फिर दूसरी हिमाक़त अपने भाइयों से बराबरी करना थी  माँ बाप से लड़ झगड़ के उसी स्कूल में पढ़ने  गई जिसमें भाई पढ़ते थे  तीसरी हिमाक़त पढ़ाई करना था  भाई फ़ेल होते गए मैं टॉप करती गयी  माँ कोसती थी इतनी पढ़ी लिखी लड़की को जात में कौन लड़का मिलेगा  अगला गुनाह माँ बाप की इच्छा के ख़िलाफ़ नौकरी करने चली गयी  लिस्ट लम्बी है  जात के बाहर शादी की  घर वालों ने सम्बंध तोड़ लिए  यही ग़नीमत थी कि मेरे घरवाले के हाथ पैर नहीं तोड़े.  अगली ग़लती वोट डालने की थी  वोट माई बाप माँ क़सम आप को ही डाला था. मंदी में नौकरी छूट गई मेरा कोई गुनाह नहीं था .  ...

Hindi Poem : एक सच यह भी

एक सच यह भी ..  जब चंद लोग  किसी मानव को भगवान बनाने की कोशिश करते हैं  तो वह हो जाता है अव्वल दर्जे का उश्रंखल  और साथ ही अमानवीय भी .  धीरे धीरे  दिमाग़ पे  फिर बदन पर क़ब्ज़ा  करने लगता है .   अपने जिस्म पर अश्लील तरीक़े से  रेंगती हुई उसकी  उँगलियों में कई को तो  कभी चर्च तो कभी मंदिर की घंटियाँ सुनाई देने लगती हैं  तब भी उसका शुक्राना अदा करते रहते हैं.  पूरी तरह से  लुट पिट जाने के बाद  जब आँखें खुलती हैं  तब सामने एक ही रास्ता बचता है  दूसरों को भी इस दुश:चक्र में शामिल कर लें.  कई महापुरुष बाबाओं की ऐसे ही चल रही है .  अगर दस हज़ार में  कोई एक उसे खिलाफ हिम्मत जुटाता है  पूरा भीड़ तंत्र उसके पीछे पड़ जाता है,  चिल्ला चिल्ला कर कोसता है  कि पीछे अनास्थावादियों का षड्यंत्र है  उनकी आस्था को डुबोने की कोशिश है कोई उसको छू कर दिखाए  उससे निपट लेंगें. और सच्ची निपट भी लेते हैं. जिनकी आँखे बंद हैं उन्हें जगाना आसान है  पर...

Tzara Winery and Judean Vineyards Isreal

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Tzara Winery & Judean Vineyards Isreal.  Isreal is trying to become a wine destination and there are few Boutique Wineries trying to prove that they are no less in quality.  Tzora is a leader that has shown  you can make Good old-world style wines in the new world of Israel! All that you really need to make great balanced and beautifully made wines is to care, and Tzora winery really cares! If there is a winery that gets terroir in Israel beyond doubt it is Tzara.  It’s founder Ronnie James saw the potential and power of terroir in Israel. He understood what vines to plant where and why! It was his passion and belief that great wines could be made in Israel, that continues to fuel Eran Pick, the head winemaker and General Manager of Tzora Vineyards and the rest of the winery. Unfortunately Ronnie died in 2008, and could not see the real success of his efforts. The winery continues to grow leaps and bounds above the rest of Israel’s date juice producing masses...

स्वर ........Voices - Hindi Poem

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स्वर ........ स्वर चेतना जगाते हैं स्वर शब्दों को आकार देते हैं स्वर से असहमति उठती है स्वर से सहमति जगती है स्वर प्रार्थना में जग जाते हैं स्वर याचना बन जाते हैं स्वर जड़ नहीं चेतन हैं स्वर जन जन का आचरण हैं स्वर ज्ञान का आचमन हैं स्वर सूक्ष्म का विस्तार हैं स्वर शिशु को माँ का प्यार हैं तुम कहो तो स्वर तुम्हारे साथ चलते जाएँगे स्वर तुम्हारे रास्ते का पाथेय बनते जाएँगे स्वर हमारे जड़ जगत पर चेतना की जीत हैं राग द्वेषों से भरे संसार में ये प्रीत हैं स्वर कभी कभी मौन का आकार बन जाते हैं स्वर नवयौवना का शृंगार बन जाते हैं स्वरों को व्यर्थ मत जाने दो इनमें विचारों को रम जाने दो स्वर असहमति का बड़ा हथियार भी बन सकते हैं स्वर अगर मिल जाएँ तो प्रहार भी कर सकते हैं लेकिन स्वरों को स्वर की तरह इस्तेमाल करो स्वरों को किसी  के कहने से कर्कश मत बनाओ स्वर तुम्हारी पहचान भी हैं संक्रमण के दौर में ये तुम्हारा ईमान भी हैं .                    -प्रदीप गुप्ता

The London Library : Mecca Of Book-Lovers

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मुसाफ़िर हूँ यारों : The London Library: Mecca Of Serious Book Lovers as well as Writers The real progress of a nation is  to be judged  not only on the basis of GDP but also on so many other parameters, one of such parameter is overall enlightenment of people about their environment, governance, human rights and social awareness. Books play a very important role to achieve this, in the time when young to old are busy on their mobiles in India and accepting the posts on Whatsup and twitter as final truth, it is really heartening to see people still trying to search facts in books and old documents in the western countries. Here in London, there is a very important landmark of city is London Library, a real Mecca of book enthusiasts. I recently took a guided tour of this Library situated at St. James's Square in London. It boasts to possess more than a million books and documents on important subjects especially humanities . It was established in 1841 , noted literary p...

Beginning of love : Hindi Poem

प्यार की शुरुआत  .  एक लम्बे समय से प्यार की परिभाषाएँ पढ़ रहा हूँ  इनमें  प्यार क्या है  विस्तार से बताने की कोशिश की गई है  पर मेरी समझ में वो सब नहीं आता हैं. हमारे कई मित्र भी इस बारे में अपना ज्ञान पेलते रहते है  कल   एक दार्शनिक मित्र कहने लगे  प्यार भावनाओं , व्यवहार , विश्वास का जटिल घालमेल है  एक अन्य मित्र वहीं बैठे थे बोले किसी व्यक्ति के प्रति स्नेह , समर्पण , गर्मजोशी और  सम्मान ही प्यार है  ये सारे शब्द ऊपर से हो कर गुजर गए.  मैं सोचने लगा  आख़िर यह शुरू कहाँ से  होता है ? मुझे तो लगता है  किसी के क़रीब आते ही जब शब्द साथ छोड़ने लगें जबान लड़खड़ाने लगे  समझ लो  प्यार की शुरुआत होने लगी है  इसके आगे  प्यार की परिभाषा  पढ़ने या गढ़ने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.                   -प्रदीप गुप्ता 

Thoughts on Hindi Divas

भाषा का मुद्दा काफ़ी जटिल है . इसे सुलझाने के लिए सकारात्मक सोच चाहिए . भारत से भी ज़्यादा जटिल समस्या शायद अमेरिका में थी क्योंकि वहाँ फ़्रेंच, इटेलियन, स्पेनिश भाषाएँ बोलने वाले किसी मायने में अंग्रेज़ी से कम नहीं हैं . लेकिन अंग्रेज़ी व्यवसाय की भाषा बनी , अमेरिका के आर्थिक प्रभाव से अमेरिकी - अंग्रेज़ी की स्वीकार्यता बढ़ती  चली गयी , उसी के साथ अमेरिकी मनोरंजन,  जिसमें सिनेमा और संगीत का  बहुत प्रभाव है,  केवल और  केवल अंग्रेज़ी में ही रहा , हालिवुड और मोटाउन का प्रभाव अमेरिका तक ही सीमित ही नहींरहा , पूरी दुनिया में छा गया , अंग्रेज़ी अमेरिकी - आर्थिक प्रभुत्व और मनोरंजन की संवाहक बन गयी . यूरोप के अपनी अपनी भाषा पर भयंकर गर्व करने वाले देश  अंग्रेज़ी न अपनाने के कारण जब पीछे होते गए तो वहाँ के बड़े बड़े  शिक्षण संस्थानों को यह विज्ञापित करना पड़ रहा है कि वे अंग्रेज़ी में पढ़ाते हैं !  यह भी एक बड़ा सच है कि हालाँकि अमेरिका में अंग्रेज़ी को सम्पर्क की मात्र अकेली भाषा के रूप विकसित किया गया है पर साथ ही स्कूलों में दूसरी भाषा के रूप फ़्रें...

Modus Operandi Cellar St Helena

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Modus Operandi Cellars,St Helena,California : Jason’s incredible story from Waiting Tables In Restaurant To Owner Of Winery. St. Helena town is charming and welcoming heart of the Napa Valley, California in USA , it is nestled amid the vine-draped upvalley hills. Winemaking began here  as early as eighteenth century, and now become hub of  wineries. The wineries in St. Helena range from powerhouses such as Sutter Home and Louis Martini  to critically acclaimed small producers including Vineyard 29 and Terra Valentine Winery. Housed in the grand stone building that was once the Christian Brothers winery, the Culinary Institute Of USA which offers superb culinary education with classes, a tasting bar and an acclaimed onsite eatery. Modus Operandi Cellars, began its story much much later but an interesting winery. Their wines did get place in White House, the seat of US power. It is operated by Jason Moore,  moved from Texas to the area around 2000 to Napa Valley a...

Scent

Scent .  I was strolling in a upmarket high street  In Central London yesterday.  Suddenly I found myself before a high end perfume shop. A petite lady was on the counter offered me  Chanel Grand Extrait from tester bottle.  I sniffed the testing paper But my face did not show any expression. She said ,’ Not a problem Monsieur. Please try few more. And that was one of the costliest.’ She gave me    one after the other: Clive Christian No.1 Hermès 24 Faubourg , Joy by Jean Patou , JAR Bolt of Lightning  Annick Goutal Eau d'Hadrien. My face was still expressionless She now become little annoyed and frustrated  That I could read from her gestures. She questioned with possible politeness suppressing her anger and frustration@, ‘Monsieur, which perfume you normally wear?’ I quipped, ‘I am enjoying these days with a newborn in my family. I just wanted to check any perfume smell better than her’.   ...

Aurora vineyards : Boutique Winery Of Lebanon

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Aurora Vineyards : Boutique Winery Of Lebanon Lebanon is one of the oldest region linked to wine making. It is a historical fact that Prophet Hosea around 700 years before Christ told knew about wine making.He said to his followers to blossom as the vine and spread fragrance like the wine of Lebanon. The old tradition revived during 1990. Aurora vineyards is a boutique winery located in the village of Rachkidde, North Lebanon and it’s Vineyard are located near the villages of Sourat, Helta, and Boxmaya. It was established in 2002, but the Gearas family has been growing their own vines in mountainous vineyards covering an area about 2.3 hectares since generations. Aurora vineyards are at the height of 850 meter and surrounded by hills densely planted with olive and oak trees, and overlooking the Al Jawz river and the Mediterranean Sea. Aurora Vineyards’s wines embody the complex and unique characteristic of batroun mountain terroir. The soil of the Vineyard is a mix...