स्वर ........Voices - Hindi Poem
स्वर ........
स्वर चेतना जगाते हैं
स्वर शब्दों को आकार देते हैं
स्वर से असहमति उठती है
स्वर से सहमति जगती है
स्वर प्रार्थना में जग जाते हैं
स्वर याचना बन जाते हैं
स्वर जड़ नहीं चेतन हैं
स्वर जन जन का आचरण हैं
स्वर ज्ञान का आचमन हैं
स्वर सूक्ष्म का विस्तार हैं
स्वर शिशु को माँ का प्यार हैं
तुम कहो तो स्वर तुम्हारे साथ चलते जाएँगे
स्वर तुम्हारे रास्ते का पाथेय बनते जाएँगे
स्वर हमारे जड़ जगत पर चेतना की जीत हैं
राग द्वेषों से भरे संसार में ये प्रीत हैं
स्वर कभी कभी मौन का आकार बन जाते हैं
स्वर नवयौवना का शृंगार बन जाते हैं
स्वरों को व्यर्थ मत जाने दो
इनमें विचारों को रम जाने दो
स्वर असहमति का बड़ा हथियार भी बन सकते हैं
स्वर अगर मिल जाएँ तो प्रहार भी कर सकते हैं
लेकिन स्वरों को स्वर की तरह इस्तेमाल करो
स्वरों को किसी के कहने से कर्कश मत बनाओ
स्वर तुम्हारी पहचान भी हैं
संक्रमण के दौर में ये तुम्हारा ईमान भी हैं .
-प्रदीप गुप्ता
स्वर चेतना जगाते हैं
स्वर शब्दों को आकार देते हैं
स्वर से असहमति उठती है
स्वर से सहमति जगती है
स्वर प्रार्थना में जग जाते हैं
स्वर याचना बन जाते हैं
स्वर जड़ नहीं चेतन हैं
स्वर जन जन का आचरण हैं
स्वर ज्ञान का आचमन हैं
स्वर सूक्ष्म का विस्तार हैं
स्वर शिशु को माँ का प्यार हैं
तुम कहो तो स्वर तुम्हारे साथ चलते जाएँगे
स्वर तुम्हारे रास्ते का पाथेय बनते जाएँगे
स्वर हमारे जड़ जगत पर चेतना की जीत हैं
राग द्वेषों से भरे संसार में ये प्रीत हैं
स्वर कभी कभी मौन का आकार बन जाते हैं
स्वर नवयौवना का शृंगार बन जाते हैं
स्वरों को व्यर्थ मत जाने दो
इनमें विचारों को रम जाने दो
स्वर असहमति का बड़ा हथियार भी बन सकते हैं
स्वर अगर मिल जाएँ तो प्रहार भी कर सकते हैं
लेकिन स्वरों को स्वर की तरह इस्तेमाल करो
स्वरों को किसी के कहने से कर्कश मत बनाओ
स्वर तुम्हारी पहचान भी हैं
संक्रमण के दौर में ये तुम्हारा ईमान भी हैं .
-प्रदीप गुप्ता

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