Hindi Poetry : प्यार
* Love Poetry in Locked down : एकांतवास की प्रेम कथा* इस लॉक्ड-डाउन ने इंसान को एकांतवास में भेज दिया है बस 625 वर्ग फ़ीट के मैच बॉक्स में पड़े रहो सड़क ख़ामोश पड़ी है कहीं कोई शोर शराबा नहीं रात को बालकनी में बैठ के तारों को निहारता रहता हूँ ये तारे पता नहीं क्यों नीले से दिखायी देते हैं और पहले से कुछ ज़्यादा टिमटिमाते हैं सामने की पहाड़ी से छन छन के हवा आ रही है इन दिनों के एकांतवास ने वर्तमान से अतीत में जाने का अवसर दिया है यादों का पिटारा बेसाख़्ता खुलता जा रहा है रात के साथ दर्द उभर रहा है मैंने उसे चाहा था , उसने भी मुझे कुछ अरसे प्यार किया था बरसों पहले ऐसी ही रातों में सितारों के तले बाहों में हुआ करती थी . हाँ , उन दिनों रातें इतनी स्याह नहीं होती थीं . वो मुझे चाहती थी , मैंने भी कभी उसे प्यार किया था उसकी आँखों में जो कशिश थी उसे देख कर शायद ही कोई उसे प्यार करने से अपने आप को रोक सके . इस रात की तन्हाई के आलम में मैं सोचता हूँ वो मेरी नहीं थी , इसलिए कि मैंने उसे खो दिया मैं रात के इस स्याह दामन को और स्याह महसूस कर रहा...