Hindi Poetry : उड़ान
जिनके पास पंख नहीं हैं
सुबह से रात तक मशक़्क़त करते रहते हैं
किसी तरह उन्हें पंख हासिल हो जाएँ
जिन के पास पंख हैं उन्होंने
बड़े जतन से लगा लिए हैं.
आज कल जो हालात हैं
उन्हें देखते हुए यह तय करना मुश्किल है
उनमें से कौन उड़ पाएगा .
मुझे लगता है जब स्थिति सामान्य होगी
पृथ्वी पर उड़ने के लिए अनुकूल समय आ जाएगा
उस समय दोनों क़िस्म के लोग ऐसे पंखों से उड़ नहीं पाएँगे .
उड़ान पंखों से नहीं
हौसले से होती है .
Comments
Post a Comment