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Showing posts from November, 2021

पराग अग्रवाल होने का मतलब : elevation of Parag Agarwal as CEO of Twitter

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पराग अग्रवाल होने का मतलब  राजस्थान के शहर अजमेर में जन्मे पराग अग्रवाल आज सिलिकान वैली की शीर्ष कंपनियों के भारतीय मूल के सुन्दर पिचाई (गूगल) , सत्या नडेला (माइक्रोसाफ़्ट) , अरविंद कृष्णा (आईबीएम ) , शान्तनु नारायण (अडोबे) , रघु रघूराम (वी एम वेयर) की क़तार में आ कर खड़े हो गए हैं . कल से वे सोशल मीडिया की माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter के निवर्तमान सीईओ जैक डोरसे का स्थान लेने जा रहे हैं .  37 वर्षीय पराग अग्रवाल  आईआईटी बम्बई के स्नातक रह चुके हैं और बाद में उन्होंने स्टैनफ़ोर्ड से स्नातकोत्तर डिग्री और पी एच डी की पढ़ाई की है . 10 वर्ष से पराग Twitter के साथ हैं और अभी CTO पद पर कार्यरत हैं जो किसी भी टेक कम्पनी में CEO के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद हुआ करता है .  पराग की इस उपलब्धि पर इस समय स्वयं पराग या उसके परिवार से भी ज़्यादा प्रसन्न वे भारतीय दिख रहे हैं  जो उस शिक्षा व्यवस्था या फिर उस शिक्षा माध्यम के घनघोर विरोधी रहे हैं जिनके सहारे चढ़ कर पराग ने यह उपलब्धि हासिल की है . आज मैंने सोशल मीडिया में काफ़ी पोस्ट ऐसी भी देखीं जो उसके सालाना पैकेज और कम्पनी स्...

Crystal Ball Gazing : Emergence of Digital Nations

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Crystal Ball Gazing: Emergence of Digital Nations - Pradeep Gupta  The way things have moved during pandemic time , we see in near future emergence of digital nations where the physical borders will not have major role to play.  We have seen during the peak of pandemic many of us were working seamlessly from our homes and our offices spaces were without any worker. Even client meetings were taking place without flying to their city or for that matter country ! So do not you feel, it was a baby step towards living in digital “countries” alongside living in a nation states. Interestingly countries like Thailand started offering nomadic worker visa for highly technical people , this resulted in additional income to the country and low cost comfortable living/working for those from richer nations.  But of course we will need to demolish lot many barriers that still hinder formation of a truly global digital existence. Digital has reduced the effect of national borders on many...

86 वर्ष का नौजवान आबिद सुरती

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86 वर्ष के नौजवान आबिद सुरती यही कोई आठ साल का रहा होऊँगा , घर में बाबूजी अन्य पत्रिकाओं के साथ धर्मयुग, पराग , इन्द्रजाल कामिक्स भी लाते थे , धर्मयुग में ढब्बू जी कार्टून स्ट्रिप रहती थी , वो आख़िरी पन्नो में होती थी , मेरी धर्मयुग पढ़ने की शुरुआत इसी से होती थी , बड़ी जिज्ञासा होती थी कि आख़िर यह आबिद सुरती कौन शख़्स है जो हर सप्ताह एक नया और मजेदार कार्टून बनाता है , फिर इन्द्रजाल कामिक्स के माध्यम से उनके द्वारा गढ़े चरित्र बहादुर से परिचय हुआ जो किसी भी मायने में विदेशी हीरो जादूगर मेंड्रेक, टारजन या फिर फेंटम से कमतर नहीं था .  उन्ही आबिद सुरती से जब आज मुलाक़ात अपने चित्रनगरी संवाद  मंच पर हुई तो ज़ेहन में ढब्बू जी और बहादुर आ कर खड़े हो गए. आबिद भाई 86 साल के हो चुके हैं लेकिन उम्र उनके लिए ठहर चुकी है , एक बाल सुलभ व्यक्तित्व  , हमेशा कुछ बेहतर करने का  जज़्बा. सच तो यह है कि उन्हें देख कर और मिल कर ज़िंदगी को एक नौजवान की तरह जीने की इच्छा वापस जाग जाती है. उनकी NGO ड्रॉपडेड ने मीरा रोड इलाक़े के लोगों को सिखाया है कि पानी की चंद बूँदे बचा कर सामूहिक रूप से...

कालजयी कृतियों पर बनीं पाँच बेहतरीन फ़िल्में

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कालजयी   कृतियों   पर   बनी   पाँच   श्रेष्ठ   फ़िल्में   कालजयी   साहित्यिक   कृतियों   पर   फ़िल्म   बनाने   का   सिलसिला   लम्बे   समय   से   चल   रहा   है  .  वो   चाहे   शरतचंद्र   चटोपाध्याय की  ‘ देवदास ’  हो   जिस   पर   सभी   भारतीय   भाषाओं   में   मिला   कर   यही   कोई  12  से   ज़्यादा   फ़िल्में   बन   चुकी   हैं  ,  इसमें   के   एल सहगल  ,  दिलीप   कुमार   और   शाहरुख़   द्वारा   अभिनीत   देवदास   शामिल   हैं  .  समय   समय   पर   प्रेमचंद /  सत्यजीत   रे   की   शतरंज के   खिलाड़ी   बनी  ,  आचार्य   चतुरसेन   के   उपन्यास   पर   बी   आर   चोपड़ा  ,  यश   चोपड़ा   की ...

Thailand Changing Perception of Economic Growth

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This small piece of writing is for those Indians who regard Thailand as the cheaper version of European destinations for nightlife, boozing, sex life. The country is going to emerge unicorn destination and land of  innovation.  The World Bank has recently called Thailand “one of the great development success stories with sustained strong growth and impressive poverty reduction” on its website. During its biggest growth period from 1985-1995, during which the country posted an average 7% rise in growth domestic product annually, the Thai economy was driven by cheap labor and light industry such as electronic manufacturing and assembly. Construction was booming, and Thailand became the world’s top rice exporter and Southeast Asia’s largest auto producer. In 2017, Thailand’s GDP was US$475.9 billion, registering growth of just under 4% from a year earlier, and was the 8th largest economy in Asia. During the pandemic time , Thailand also faced the slow motion in economy. The count...

शिव क्यों वापस आएँ हलाहल पीने : Hindi Poetry

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शिव   क्यों   आएँ   वापस   हलाहल   पीने   शिव   ने   आदि   काल   में   पी   लिया   था   वो   सारा   हलाहल जो   देवासुर   संग्राम   में   समुद्र   मंथन   में   आया   था   निकल उससे   कहीं   जियादा   ज़हर   घुला   दिल्ली   की   हवाओं   में   है   घर   से   निकलने   से   बचते   हैं   ख़तरा   यहाँ   फ़िज़ाओं   में   है   शिव   तो   भोलेनाथ   हैं   अर्चना   करेंगे   तो   प्रगट   हो   जाएँगे लेकिन   वे   हवा   में   फैला   एक   दिन   का   ज़हर   ही   पी   पाएँगे   बाक़ी   शहरों   की   हवा   में   फैले     जहर   को   हटाने   के   लिए   करना   होगा   उनको   भी   महा - यज्ञ   प्रदूषण...

Hindi Poetry बिल्डिंग के क़द

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जैसे   जैसे   बिल्डिंगों   के   क़द   ऊँचे   होते   गए   रहने   वाले   लोगों   के   दिल   छोटे   छोटे   होते   गए   जब   तलक   रहते   थे   हम   इक   चाल   में   अभाव   थे   फिर   भी     बहुत   खुशहाल   थे   छोटी   छोटी   ख़ुशियाँ   मिलती   थीं   वहाँ   उनसे   ही   हम   बहुत   मालामाल   थे   दरवाज़ा   सब   के   लिए   खुला   रहता   था   रहने   वालों   के   चाहे   जैसे   भी   हाल   थे   छिपाने   के   लिए   वहाँ   कुछ   नहीं   था   न   ही   वहाँ   झूठ   या   कोई   जंजाल   थे   चालों   में   रहे   तो   ज़िन्दगी   को   क़रीब   से   देख   लिया   नफ़ासत   न   आई ...