शिव क्यों वापस आएँ हलाहल पीने : Hindi Poetry

शिव क्यों आएँ वापस हलाहल पीने 


शिव ने आदि काल में पी लिया था वो सारा हलाहल

जो देवासुर संग्राम में समुद्र मंथन में आया था निकल

उससे कहीं जियादा ज़हर घुला दिल्ली की हवाओं में है 

घर से निकलने से बचते हैं ख़तरा यहाँ फ़िज़ाओं में है 

शिव तो भोलेनाथ हैं अर्चना करेंगे तो प्रगट हो जाएँगे

लेकिन वे हवा में फैला एक दिन का ज़हर ही पी पाएँगे 

बाक़ी शहरों की हवा में फैले  जहर को हटाने के लिए करना होगा उनको भी महा-यज्ञ प्रदूषण मिटाने के लिए

जिस यज्ञ से खड़ी होगी शक्तिशाली देवों की फ़ौज 

जो पिएँगे हर महानगर से पैदा होने वाला ज़हर  हर रोज़ 

अगर आप नहीं चाहते भोले शिव को परेशान करना 

शुरुआत घर से करनी होगी पड़ेगा बहुत सारा श्रम करना 

कुछ महीने सभी निजी कार ,मोटर बाइक घर में ही रखें 

सार्वजनिक वाहनोंसाइकिलों पे यात्रा का लक्ष्य रखें 

अगर चाहते हैं इस काम के लिए शिव  बुलाए जाएँ 

सरकार को चाहिए नए शहर अब इस तरह बसाए जाएँ 

हर आदमी का घर कार्य-स्थल से पैदल की दूरी पे रहे 

घरों के इतने पास ही स्कूल , कालेज , अस्पताल भी रहे

फिर किसी को रोज़ रोज़ कार या कोई बस नहीं चाहिए

यह महज ख़याली पुलाव नहीं बस इच्छा शक्ति चाहिए 

सत्ता अगर गम्भीर हो जाए यह  सहज में ही सम्भव है 

पर्यावरण सुधर सकता है उत्पादकता बढ़ना भी सम्भव है 

स्वास्थ्य बेहतर होगाचिकित्सा की लागत घट जाएगीं 

इस तरह शहरों की दशा और दिशा दोनों बदल जाएगीं



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