कालजयी कृतियों पर बनीं पाँच बेहतरीन फ़िल्में
कालजयी कृतियों पर बनी पाँच श्रेष्ठ फ़िल्में
कालजयी साहित्यिक कृतियों पर फ़िल्म बनाने का सिलसिला लम्बे समय से चल रहा है . वो चाहे शरतचंद्र चटोपाध्यायकी ‘देवदास’ हो जिस पर सभी भारतीय भाषाओं में मिला कर यही कोई 12 से ज़्यादा फ़िल्में बन चुकी हैं , इसमें के एलसहगल , दिलीप कुमार और शाहरुख़ द्वारा अभिनीत देवदास शामिल हैं . समय समय पर प्रेमचंद/ सत्यजीत रे की शतरंजके खिलाड़ी बनी , आचार्य चतुरसेन के उपन्यास पर बी आर चोपड़ा , यश चोपड़ा की धर्मपुत्र आयी , एरिक सहगल कीMan, Woman and Child पर शेखर कपूर की मासूम बनी . शेक्सपियर के नाटकों othe Lko, Macbeth और Hamlet पर विशाल भारद्वाज ने ओंकारा, मक़बूल और हैदर बनायीं जिन्हें उन्होंने पूरी तरह भारतीय जामा पहनाया. सूची बहुत लम्बीहै , यथा कथा अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म और साहित्य समारोह में ऐसी ही पाँच कालजयी कृतियों पर आधारित सबसेउल्लेखनीय फ़िल्मों पर एक रोचक संवाद आज एस एन डी टी विश्वविद्यालय के नानावती जालें में एक परिचर्चा आयोजितकी गयी , साहित्यकार और फ़िल्म लेखक रवीन्द्र कात्यायन इसके सूत्रधार थे , पैनल में लेखक, पूर्व सम्पादक हरीशपाठक , कवि , लेखक , यूट्यूबर , ब्लॉगर प्रदीप गुप्ता , विडियो-फ़िल्म निदेशक और सेंसर बोर्ड से जुड़े चेतन माथुर , इसवर्ष अपनी फ़िल्म काजरो के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित नितिन भास्कर और एस एन डी टी विश्वविद्यालय की प्रोरूबी ओझा थीं . इस बारे में पैनल के सदस्यों की अपनी अपनी पसंद थी, कमलेश्वर की काली आँधी पर आँधी , प्रेमचंदकी कहानी शतरंज के खिलाड़ी , एरिक सहगल के उपन्यास पर आधारित मासूम , शेक्सपियर के नाटकों ओंकारा, मक़बूल, हैदर , मन्नू भंडारी के यही सच है पर आधारित रजनी गंधा पर पैनल सदस्यों पर आम सहमति बनती दिखायी दी .
प्रदीप गुप्ता का कहना था कि जहां पुस्तक पढ़ते हुए पाठक की उर्वर कल्पनाशक्ति को विस्तार मिलता है वहीं उस पर बनीफ़िल्म में वो बात नहीं आसानी से नहीं बनती जब तक कि निर्देशक कहानी के सारे एलिमेंट को समाहित न कर ले . हरीशपाठक ने कमलेश्वर के उपन्यास पर आधारित आँधी की पृष्ठभूमि ओर विस्तार से चर्चा की . वहीं चेतन माथुर बताया किप्रारम्भ से ही धार्मिक और पौराणिक आख्यानों पर आधारित फ़िल्मों के बारे में चर्चा की .
उपस्थित श्रोताओं को विषय की रोचकता और पैनल सदस्यों की विषय पर पकड़ को देखते हिये लगा की चर्चा और लम्बीचलनी चाहिए थी.
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