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Showing posts from January, 2021

Hindi Satire : जैन साहब की ऐतिहासिक साइकिल

जैन   साहब   की   ऐतिहासिक   साइकिल   एक   जमाने   में   हमारे   बड़े   करीबी   मित्र   हुआ   करते   थे   डा   महिपाल   जैन  ,  उनके   क़िस्सों   को   लेकर   एक   पूरा   शोध   प्रबंध   लिखा जा   सकता   है   लेकिन   आज   का   हमारा   फ़ोकस   केवल   उनकी   साइकिल   पर   है  .  उस   दौर   में   जब   हमारे   तक़रीबन   सारे   मित्रों   ने   स्कूटर   या   फिर   कार   ख़रीद   ली   थी   जैन   साहब   साइकिल   पर   ही   चला   करते   थे  .  जिन   दिनों   का   क़िस्सा   बता   रहा   हूँ  ,  उनकी   साइकिल   यही   कोई   पंद्रह   साल   पुरानी   हो   चुकी   थी  .  फिर   भी   ज...

Beauty सुंदरता - Hindi Poetry

सुंदरता        प्रदीप गुप्ता  इन दिनों सुंदरता बढ़ाने पर ज़बरदस्त फ़ोकस है  शहर छोटा हो या बड़ा  ग्रासरी स्टोर से कहीं ज़्यादा पोस्टर   ब्यूटी पार्लर और स्पा के दिखते हैं .  यह भी सच है महिलायें इन दिनों ग्रासरी स्टोर पे कम ब्यूटी पार्लर में दिखती हैं कहीं जियादा.  गोल्ड, प्लैटिनम , हर्बल  और भी न जाने कितने क़िस्म के फ़ेस-पैक जितना फ़ैन्सी नाम  उतना महँगा दाम . फ़िटनेस ट्रेनर , योगा इंस्ट्रक्टर और फ़िटनेस कोच  ये कुछ नए नए हॉट जॉब हैं  जिसमें लग चुके हैं अच्छे अच्छे पढ़े लिखे लोग . जितने विशेषज्ञ उतने क़िस्म के दावे  फुट स्पा में आप पैर  एक पानी के टब में डाल कर बैठ जाते हैं  उसमें पड़ी मछलियाँ मृत हो चुकी त्वचा खा ख़ा कर  पैरों को सुंदर बना देती हैं  तैरने से तो पूरी काया ही सुडोल बनाने का दावा है  इसलिए पूल पर महिलायें ज़्यादा नज़र आती हैं . इन दिनों विवाह की रस्मों में  सबसे महत्वपूर्ण बन गयी है ब्राइडल मेकअप की रस्म  इस पूरी प्रक्रिया में लग जाते हैं  यही कोई तीन ...

गणतंत्र दिवस पर कविता

ये   जो   आज़ादी   मिली   है   इक   बड़े   संघर्ष   में   मिल   के   यह   देखें   न   जाए   ये   यूँही   व्यर्थ   में   गण   हरेक   ले   ले   शपथ   आज   इस   गणतंत्र   का   हम   करेंगे   एक   जुट   हो   सामना   हर   जंग   का   कोई   भूखा   न   रहे   न   कोई   पिछड़ा   ही   रहे   राष्ट्र   के   निर्माण     हेतु   साथ   में   मिल   के   चले   रास्ता   लम्बा   कठिन   है   और   चुनौती   से   भरा   कर   गुज़र   जाओ   कुछ   ऐसा   झूम   जाये   ये   धरा .  सिर्फ़   अपने   ही   लिए   तुम   भूल   जाओ   सोचना   सबसे   पहले   देश   है   बाद   में   कुछ   देखना  ...

Collecting Donation is a Fine Art : Hindi Satire

चंदा   उगाहना   एक   कला   है चंदा   यानी   डोनेशन   वह   आक्सीजन   है   जिसके   मिलते   ही   व्यक्ति   का   चेहरा   जगमगाने   लगता   है  .  आप   को   लगता   होगा   कि चंदा   जुटाना   मुश्किल   काम   है  .  आगे   की   बातचीत   में   आप   पाएँगे   कि   अगर   हुनर   है   तो   चंदा   उगाहना   काफ़ी   आसान   है  .  सबसे   आसान   तरीक़ा   मैंने   एक   छोटे   से   क़स्बे   में   रह   कर   देखा  .  मेरे   आफिस   आने   जाने   के   रास्ते   में   एक   म्यूनिसिपैलिटी   का प्लॉट   पड़ा   हुआ   था  .  एक   दिन   मैं   उधर   से   गुज़र   रहा   था   तो   देखा   प्लॉट   के   सामन...