Collecting Donation is a Fine Art : Hindi Satire
चंदा उगाहना एक कला है
चंदा यानी डोनेशन वह आक्सीजन है जिसके मिलते ही व्यक्ति का चेहरा जगमगाने लगता है . आप को लगता होगा किचंदा जुटाना मुश्किल काम है . आगे की बातचीत में आप पाएँगे कि अगर हुनर है तो चंदा उगाहना काफ़ी आसान है .
सबसे आसान तरीक़ा मैंने एक छोटे से क़स्बे में रह कर देखा . मेरे आफिस आने जाने के रास्ते में एक म्यूनिसिपैलिटी काप्लॉट पड़ा हुआ था . एक दिन मैं उधर से गुज़र रहा था तो देखा प्लॉट के सामने भीड़ लगी हुई थी . पूछा तो पता चला वहाँशिव जी का लिंग ज़मीन से प्रगट हो गया है . वाक़ई एक शिव लिंग प्लॉट के बीचों बीच आधा धरती में आधा ऊपर दिखाईदे रहा था . एक मरियल से दिखने वाले सज्जन उसके क़रीब केवल धोती पहने और भस्म लगाए ध्यान मुद्रा में बैठे हुए थे . साथ ही वहाँ हाथ से लिखा एक छोटा सा बोर्ड भी लगा हुआ था जिसमें मंदिर बनाने के लिए दान की अपील थी . लोगस्वयंभू शिव-लिंग के प्रगटीकरण से इतने अभिभूत थे अपनी श्रद्धा के अनुसार चढ़ावा रख के जा रहे थे . इसी बीच पड़ोस मेंकल्लू हलवाई की दुकान का नौकर एक गिलास में दूध, दोने में जलेबी और समोसे लेकर आ गया और उन बाबा टाइपव्यक्ति को आग्रह करके खिला रहा था.
सिलसिला कई हफ़्ते तक ऐसे ही चलता रहा . सम्भ्रांत परिवारों की महिलाएँ शिव लिंग पर बाक़ायदा जल चढ़ाने आनेलगी थीं .चंदे की मोटी रक़म अब प्लॉट के एक कोने में रखे काँच के दान पात्र में स्पष्ट दिखने लगी थी , और साथ हीसाथ इस प्रकल्प के पीछे की शख़्सियत भी अब मरियल नहीं रही थी , चेहरे पर चमक आ चुकी थी और शरीर पूरी तरहभर चुका था . बस वहाँ म्यूनिसिपल अधिकारियों की नाक के नीचे निर्माण का कार्य प्रारम्भ हो गया . मुझे इस बीच छैमास के लिए बाहर जाना पड़ा, वापस आ के देखा तो मंदिर बन चुका था , मंदिर तो प्लॉट के फ़्रंट के एक चौथाई हिस्से मेंही बना , साथ ही साथ दो दुकानें और पीछे एक घर भी बना , दुकानें किराए पर उठ हैं और घर में रातों रात शिव लिंग के साथ प्रगट हुए स्वामी क़ाबिज़ हो गए. और म्यूनिसिपैलिटी वाले स्वामी का बाल भी बाँका नहीं कर पाए . चंदे के खेल का यह नायाब उदाहरण है .
आज कल चंदा लेना और देना एक सुसंगठित व्यवसाय बन चुका है जिसमें लेने वाले से ज़्यादा लाभ देने वाले को होता है. आप भी एक एनजीओ बना लीजिए जिसका काम काज ऐसी गतिविधियों के लिए हो जिसमें दान दाता को कर में सौ प्रतिशत छूट मिलती हो , ऐसे मामलों में दान दाता ऐसी सेटिंग रखते हैं कि उन्हें दान में दी हुई राशि का बड़ा हिस्सा कैश में वापस मिल जाय. कर में छूट मिले , दान का दान और मौज मस्ती के लिए कैश भी मिल जाय.
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