Beauty सुंदरता - Hindi Poetry
सुंदरता
प्रदीप गुप्ता
इन दिनों सुंदरता बढ़ाने पर ज़बरदस्त फ़ोकस है
शहर छोटा हो या बड़ा
ग्रासरी स्टोर से कहीं ज़्यादा पोस्टर
ब्यूटी पार्लर और स्पा के दिखते हैं .
यह भी सच है महिलायें इन दिनों ग्रासरी स्टोर पे कम
ब्यूटी पार्लर में दिखती हैं कहीं जियादा.
गोल्ड, प्लैटिनम , हर्बल
और भी न जाने कितने क़िस्म के फ़ेस-पैक
जितना फ़ैन्सी नाम
उतना महँगा दाम .
फ़िटनेस ट्रेनर , योगा इंस्ट्रक्टर और फ़िटनेस कोच
ये कुछ नए नए हॉट जॉब हैं
जिसमें लग चुके हैं अच्छे अच्छे पढ़े लिखे लोग .
जितने विशेषज्ञ उतने क़िस्म के दावे
फुट स्पा में आप पैर
एक पानी के टब में डाल कर बैठ जाते हैं
उसमें पड़ी मछलियाँ मृत हो चुकी त्वचा खा ख़ा कर
पैरों को सुंदर बना देती हैं
तैरने से तो पूरी काया ही सुडोल बनाने का दावा है
इसलिए पूल पर महिलायें ज़्यादा नज़र आती हैं .
इन दिनों विवाह की रस्मों में
सबसे महत्वपूर्ण बन गयी है ब्राइडल मेकअप की रस्म
इस पूरी प्रक्रिया में लग जाते हैं
यही कोई तीन चार घंटे .
कई बार बारातियों को रोक दिया जाता है
वेन्यू के प्रवेश द्वार से पहले काफ़ी देर तक के लिए
बाराती व्हिस्की के प्रभाव से उछलते कूदते रहते हैं
कभी नागिन डांस तो
कभी ये देश है वीर जवानों की धुन पर.
वधु पक्ष के बुजुर्ग टेंशन में आ जाते हैं
क्योंकि वधु और उसकी सहेलियां अभी भी पार्लर में हैं मेकअप नहीं हो पाया है पूरा !
कई घंटों के प्रयास और
कई नैनो-मीटर की केमिकल परतों के बावजूद
चेहरे पर वो ख़ूबसूरती नज़र आती
जो एक वधु के चेहरे पर होनी चाहिए .
आपको लग रहा होगा मैं आपको उलझा रहा हूँ
ख़ाली पीली शब्द जाल में .
बिल्कुल नहीं ,
आपको सुंदरता का एहसास करना हो
जाना होगा पुराने क़िस्म के गाँव घरों के रसोई घर में
वहाँ देखना होगा आटा गूँथ कर
फुंकनी से चूल्हे को फूंकती महिला को
पसीने की बूँदों के पीछे चूल्हे की आँच में
उसका चेहरा ऐसे देदीप्यमान होता है
लगता है स्वर्ग से अप्सरा उतर कर आ गयी हो
यह वो सौंदर्य है जो नहीं है मोहताज
किसी पार्लर या फिर किसी स्पा का .
सुंदरता कहीं अंदर से आती है !
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