बादशाह : आज के युवाओं के दिल दिमाग़ को समझने वाला जादूगर
बादशाह : आज के युवाओं के दिल और दिमाग़ समझने वाला जादूगर लन्दन बहु-भाषा भाषी शहर है लेकिन अधिकांश बच्चे चाहे वो किसी भी देश या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के हों उनके द्वारा समझी जाने वाली भाषा अंग्रेज़ी ही होती है .ऐसी पृष्ठभूमि में अगर कई छोटे छोटे बच्चे जिन में फ़िरंगी बच्चे भी शामिल हों , अनजानी भाषा के गीत पर नाचने लगें तो ऐसे गीत संगीत और उसके रचनाकार की तारीफ़ तो बनती है . ऐसी ही घटना मेरे साथ इस रविवार को घटी. पार्क में देसी परिवारों का एक ग्रुप पिकनिक मनाने आया हुआ था , उनके सिस्टम पर गाना बजना शुरू हुआ - हो जो ना पास तू/तो आती ढंग से सांसें नहीं/चिड़चिड़ा सा रहता हूँ मैं/लगता कुछ वि ख़ास नहीं/ जबसे मरने लगे है तुझपे/बचने की कोई आस नहीं मेरी हो हो/ ज़िंदगी में आयी जबसे/Vibe ही बदल गयी/घूमता था मैं आवारा/Life सी संभल गयी/दुनिया मेरी dark सी/में Light सी एक जल गयी/येह येह येह येह/तेरी बातों में दिल खो सा गया/ मेरी रातों में दिन हो सा गया/प्यार कहते जिसको/Finally वो हो सा गया/Finally Finally Finally आस पास खेल रहे बच्चों के कानों तक यह गाना पहुँचा वे सिस्टम के आस पास आ ...