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Showing posts from January, 2008

ek nai ghazal

दर्दे ए दिल की दवा कीजिए आप फिर मुस्करा दीजिए फूल भेज है खत की तरह् होंठ से बस लगा लीजिए पांव नाजुक हैं जल जाएंगे धूप में ना चला कीजिए उम्र की प्यास बुझ जाएगी आंख से गर पिला दीजिए चलते चलते खो गये रास्ते मन्जिलों की दुआ कीजिए दर्द बरसों रहा साथ में इस को यूं ना जुदा कीजिए हम तो मिट जांएगे खाक में लीजिए आजमा लीजिए पूछता हूं पता हर किसी से मुझ को मुझ से मिला दीजिए इश्क करना है गर इक खता प्यार से ही सजा दीजिए हाथ कान्धे पे रखा है गर जिन्दगी भर निभा लीजिए -pradeep gupta

Hollywood Movie : Golden Compass

FILM REVIEW : THE GOLDEN COMPASS दुनिया में चमत्कारों और रहस्यों की कमी नहीं। यही नहीं हम कहीं भी रहे दुनिया पर राज करने का हमारा सपना पुराना है। पर हम यह नहीं जानते कि जिस दुनिया पर हम कब्जा जमाना चाहते हैं उस पर कुछ ऐसी अदृश्य और रहस्यमय चीजों का भी कब्जा है जो हमें कभी भी तबाह कर सकती हैं। निर्देशक क्रिस विट्ज की फिलिप पुलमैन की पुस्तक पर आधारित फिल्म द गोल्डन कंपास कुछ कुछ इसी तथ्य को दिखाने वाली है। यह अलग बात है कि नारनिया और द लॉर्ड आफ द रिंग्स के मुकाबले यह कुछ भारी विषय लेकिन प्रस्तुतिकरण के मामले में ज्यादा रोमांचक मानी जा सकती है। फिल्म की कहानी बारह वर्षीय एक समान्य लड़की लायरा (डकोटा ब्लू) की है जो अपने अंकल लॉर्ड एजरेल (डेनियल के्रग) के संरक्षण में रह रही है। लेकिन वास्तव में उसकी दुनिया हमारी दुनिया से एकदम अलग है। कुछ चमत्कारी ताकतें जानवरों की शक्ल में हमेशा उसके साथ रहती हैं। यह उसकी समझ से बाहर है कि ऐसा क्यों होता है। लेकिन एक दिन जब उसके अंकल पर होने वाले रहस्यमय हमले में उसका सामना एक रहस्यमय मगर खतरनाक औरत मिसेज काउटलर (निकोल किडमैन) से होता है तो उसकी दुनिय...