बुरांश : केवल फूल नहीं पहाड़ों के जीवन का स्पंदन है
बुरांश या बुरुंश के वृक्ष से पहला परिचय पिथौरागढ़ पोस्टिंग के दौरान हुआ था . होली की आसपास से यह वृक्ष गहरे लाल लाल फूलों से लदना शुरू हो जाता है , फूल भी इतने कि हरे पत्ते ढक जाते हैं और बुरांश के घने वृक्षों वाले वन को पुष्पित होने के सीजन में देखो तो ऐसा लगता है जैसे जंगल में आग लग गई हो . उत्तरांचल में महिलायें घर का चूल्हा जलाने के लिए समूह में रोज लकड़ी काटने, बीनने के लिए जंगल जाती हैं तो साथ में अपना लंच भी ले जाती हैं . लेकिन बुरांश के फूल खिलने के मौसम में वे लंच नहीं ले जाती हैं बल्कि बुरांश के फूलों से अपना लंच कर लेती हैं . हम भी ट्रेकिंग पर जाते तो यही करते , फूल का स्वाद अतुलनीय होता है खट्टा मीठा . अब तो पता नहीं लेकिन आठवें दशक में मैंने पिथौरागढ़ में देखा था वहाँ हर घर में बुरांश फूलों का शरबत रहता था , अतिथि को आते ही पानी में घोल कर यह शरबत पेश किया जाता था. मशहूर शरबत रूह आफजा के लाजवाब स्वाद का सीक्रेट भी यही फूल है . कहते हैं यह शरबत दिल की बीमारी से बचने के लिए प्रकृति का सबसे बेहतरीन उपहार है.
अस्सी के दशक में मुझे लगता था कि यह फूल पिथौरागढ़ के इलाके की ही संपदा है , मैं ग़लत था , अंग्रेज़ी में इसे rhododendron कहते हैं , दुनिया के हर ठंडे इलाक़े में यह वृक्ष उगता है जैसे जैसे आप पहाड़ की ऊँचाई की तरफ़ को जाते हैं तो पाएंगे कि इसके फूल का रंग गहरे लाल से हल्का पड़ने लगता है , सात हज़ार फिट की ऊँचाई पर यह सफेद रंग का होता है . नेपाल में भी खूब उगता है वहाँ इसे राष्ट्रीय फूल का दर्जा प्राप्त है. बाद में जब में अमेरिका के वाशिंगटन राज्य की यात्रा की तो पता चला कि वहाँ का यह राजकीय फूल है .
बुरांश का जंगल पहाड़ों की शांति और प्रकृति के सामंजस्य का प्रतीक है. अगली बार अगर आप किसी पहाड़ी क्षेत्र की यात्रा पर जायें वहाँ बुरांश के जंगलों के बीच ज़रूर घूमें , खिलते हुए इन फूलों के बीच चलने का अनुभव जीवन भर याद रहेगा. 🌸🌿 #बुरांश#Rhododendron #पहाड़#उत्तराखंड #हिमाचल #नेपाल#washingtonstateusa #पिथौरागढ़ #Washington
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