प्रेरणास्पद कविता : अपना जीवन
अपना जीवन अपना जीवन बहता पानी नहीं किनारा अभी मिला है आड़े तिरछे से रस्ते पर संघर्षों में फूल खिला है सीमित साधन की लहरों पर इच्छाएँ सब करें सवारी जियरा डगमग डोले जैसे नौका बीच भँवर में भारी पा कर भी कुछ खोया हमने जिसका कोई नहीं गिला है अपना जीवन बहता पानी नहीं किनारा अभी मिला है कितने ही शहरों में जी कर जो भी अपना समय बिताया समय धार में वो सब अनुभव बना ज़िंदगी का...