Je t’aime State Bank
मेरा पहला गंभीर इश्क़
आज ही के दिन पचास साल पहले इस महबूबा से मुलाक़ात हुई थी . भव्य , सजीली , सुव्यवस्थित और अपराइट, देखा तो देखता ही रह गया. पहले इसने मुझे खूब परेशान और हैरान किया , सताया , कई बार मुझे गंभीर न पा कर अपने पास से भगाने की धमकी भी दे डाली . धीरे धीरे इश्क़ परवान चढ़ने लगा , दिन के आठ नौ घंटे उसके साथ कैसे बीत जाते , पता ही नहीं चलता था. हाँ, हर रविवार और छुट्टी के दिन अपने बाहुपाश से छोड़ कर इधर उधर घूमने या फिर मेरे रिश्तेदारों और मित्रों के साथ समय बिताने के लिए छोड़ देती. फिर भी अगर मेरी ज़रूरत लगती बीच में ही बुला लेती .
उसके इस इश्क़ के चलते ही मेरे परिवार ने मुझे विवाह के बंधन में बांध दिया लेकिन फिर भी मैं एक वफ़ादार प्रेमी की तरह दर रोज़ वही आठ नौ घंटे गुज़ारता रहा . नई नई शादी हुई , तब भी पत्नी को इतना समय नहीं दे पाया जितना कि वह हक़दार थी . पत्नी को इस सौतन से बहुत परेशानी थी , इस को लेकर हमारे बीच में बहुत खींचा तानी भी रहती थी. लेकिन पत्नी बेचारी क्या करती, घर का खर्च भी यही सौतन चला रही थी . बच्चे हुए , बच्चे बड़े होते चले गए लेकिन उनको भी उतना समय नहीं दे पा रहा था जितना कि ज़रूरी था , क्योंकि मेरी यह प्रेमिका उम्र के साथ और ज्यादा डिमांडिंग होती जा रही थी , अब वह मेरे रोज़ कम से कम दस ग्यारह घंटे लेती थी और मैं था उसके साथ ख़ामोशी से वह समय देता जा रहा था .
मेरी यह प्रेमिका मुझे चीन के बॉर्डर से लेकर देश के कोने कोने में ले गई और मैं उसके इश्क़ में इतना गिरफ़्तार था चुपचाप पीछे पीछे चलता ही गया .
जैसे ही मैंने उम्र के साठ पड़ाव पार किए मेरी प्रेमिका ने एक पल भी नहीं गँवाया और मुझे अपने से अलग कर दिया. अब हाल यह है कि बेशक उसने मुझे रोज़ रोज़ की मुलाक़ातों से अलग कर दिया है पर उसने मेरा ख़्याल रखना नहीं छोड़ा है . मेरे घर का खर्च अभी भी वही चलाती है .
आप जानने को उत्सुक होंगे ऐसी प्रेमिका का नाम क्या है . स्टेट बैंक ही मेरे पहली सबसे गंभीर प्रेमिका रही और उसने लगातार लगभग चालीस साल तक साथ निभाया, यह जानते हुए भी कि मैं विवाहित हूँ मेरे बच्चे भी हैं हर दुःख सुख और आड़े समय में साथ निभाया.
I just want to tell you my adorable state bank that
je t'aime beaucoup
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