Tale of fat Indian Middle Class Wedding
Tale of fat Indian Middle Class Wedding
हाल ही में मेरे एक मित्र लन्दन से पहली बार भारत आए थे , उनका जन्म , शिक्षा दीक्षा सब कुछ वहीं हुई है , वे वहाँ के अभिजात्य वर्ग सेभी संबंधित हैं . मेरे आमंत्रण पर वे भारत आये हुए थे , इस दौरान घूमे घामे और बड़ी उत्सुकता से हम भारतीयों की जीवन शैली कोदेखा .
इत्तफ़ाक़ से उसी दौरान मेरी जान पहचान में एक विवाह था मैंने सोचा कि उन्हें अपनी विवाह की समृद्ध परम्परा से परिचित करा दूँ इसलिए उन्हें अपने साथ विवाह में ले कर गया.
बारात और उससे जुड़े माहौल को देख कर वे आश्चर्य चकित से रह गए .
बारात की चढ़त क़स्बे की सड़कों पर जिस धूम धाम से निकली उसे देख कर वे हैरान थे . चमकदार वेशभूषा में बैंड वाले , ठेले परडिस्कोथीक सेट- अप में माइक्रोफ़ोन पर बॉलीवुड के हिट गाने गाता हुआ बैंड मास्टर , सर पर बिजली के रंग बिरंगे हंडे लेकर चल रहेस्पॉट ब्वाय, क़द्दावर घोड़ी पर सवार दूल्हे राजा , घंटों घंटे मेकअप के बाद ड्रेस अप हुई सभी वर्जनाओं को त्याग कर धुआँधार प्रोफ़ेशनतरीक़े से नृत्य करती बाराती महिलायें , उनके लिए सर्वथा एक ख़ुशनुमा अनुभव था. सामान्यतः माध्यम वर्गीय परिवार में शराब एकवर्जित फल है लेकिन विवाह के दौरान सारी वर्जनाएँ ताक पर रख दी जाती हैं . नृत्य के प्रवाह को सुचारू रखने के लिए बारात केप्रोसेशन के साथ साथ एक एसयूवी कार चल रही थी जिसे मोबाइल बार कहना उचित होगा , उसमें शराब के सभी बड़े ब्रांड , सोडावाटर , मिनरल वाटर , प्लास्टिक के डिस्पोजेबल ग्लास और प्रचुर मात्रा में स्नेक्स सजे हुए थे. एसयूवी के साथ दो मामा जी थे जो नृत्यकरती महिलाओं और नौजवानों को एक एक कर के सड़क के किनारे ले जा कर निष्काम भाव से मादक पेय का सेवन करा रहे थे ताकि नृत्य की गति और नृत्यांगनाओं के जोश और एनर्जी स्तर में कोई गिरावट न आ सके. मेरे विदेशी मित्र ने मुझे फीड बैक दिया कि इसअद्भुत रोड साइड नृत्य प्रदर्शन के सामने अपना बाल रूम डांस अब बचपना लगने लगा है .
बारात का प्रोसेशन वधू पक्ष के दरवाज़े पर पहुँचा तो एक बार फिर से हमारे ये विदेशी मित्र अभिभूत हो गये क्योंकि वहाँ हर बाराती कोफूलों की मालाओं से लाद दिया गया , कहने लगे ऐसा स्वागत तो उनके यहाँ नव निर्वाचित सांसद का भी नहीं होता है !
लेकिन अभी एक और बड़ा सरप्राइज अंदर उनकी प्रतीक्षा में था . खाने के स्टाल एक फुटबॉल के मैदान के आकार की जगह में लगे थे , स्टाल की संख्या को वे ठीक प्रकार से गिन नहीं पाये . खाने की क़िस्में देख कर उन्हें गश सा आने लगा , मेक्सिकन , इटालियन , फ़्रेंच , तमिल, केरल, कन्नड़ , पंजाबी , राजस्थानी , कश्मीरी , यूपी , बिहार के खाने पीने स्टाल थे ही , साथ ही ग्यारह स्टाल स्टार्टर , चाटऔर सूप के थे , यही नहीं तरह तरह की मिठाई , केकपेस्ट्री , आइसक्रीम, फ़्रूट चाट , क़ुल्फ़ी , कढ़ाई दूध के स्टाल अलग , आख़िरीस्टाल पान का था . मेरे मित्र उत्सुकतापूर्वक देख रहे थे कि आख़िर एक आदमी क्या क्या खा पाएगा . लेकिन मेहमानों ने उन्हें निराशनहीं किया , वे निस्पृह भाव से प्लेट बदल बदल कर विभिन्न आइटम उदरस्थ करते रहे बिना सोच विचार के कि कल इसका परिणामक्या होगा .
मैंने अपने विदेशी मित्र की जिज्ञासा को शांत किया कि यह कोई अनूठी शादी नहीं है , हमारे यहाँ माध्यम वर्ग में कमोबेश शादियाँ ऐसीही होती हैं . क़स्बों में अच्छे अच्छे रेस्टोरेंट खुलते हैं और जल्दी ही बंद हो जाते हैं क्योंकि लोग बाग सप्ताहांत पर रेस्टोरेंट जाने कीजगह शादी के निमंत्रण की प्रतीक्षा करते हैं! और इस शानदार सपने को सच बनाने ले लिये कई लड़कियों के पिता पूरी ज़िंदगी के लिएक़र्ज़दार बन जाते हैं. इस स्वप्नीली शाम की कड़वी सचाई है .
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