ये सब फूल तुम्हारे नाम - ग़ज़ल संग्रह शायर ज़िया ज़मीर
ज़िया ज़मीर की ग़ज़लें
आयकर और बिक्री कर के लिए बैलेंस शीट , खाता बही की फ़िगर जाँचने के रूटीन और एकरस काम के बीच इंसानी संबंधों के बारीक ताने बाने , ज़िंदगी के मसाइल , लोक परलोक के बारे में बेहतरीन शायरी करना हैरत की बात है लेकिन भाई जिया ज़मीर यह काम बखूबी करते आ रहे हैं . पेशे से आयकर के एडवोकेट जिया ने हाल ही में एक मुलाक़ात में अपना ताज़ा ग़ज़ल/ नज़्म संग्रह “ये सब फूल तुम्हारे नाम” भेंट किया . सच कहूँ उसे एक ही सीटिंग में पढ़ गया. यह संग्रह आश्वस्त करता है कि उनके अंदर एक अच्छा शायर जन्म ले रहा है.
उनकी शायरी में भारतीय लोक संस्कृति की झलक दिखती है , कई सारे प्रतिमान भी अपनी परम्परा से उठा लिए गए हैं नमूना देखिए -
अपनी राधा को भी , अपनी मीरा को भी
श्याम हाथों से छू बांसुरी की तरह .
राधा की उदासी के ही चर्चे हैं यहाँ पर
मीरा की भी सोचिए घनश्याम उदासी
किताबी बस्ते के बोझ को लेकर जिया काफ़ी गंभीर हैं -
स्कूली किताबों ज़रा फ़ुरसत उसे दे दो
बच्चा मिरा तितली पे झपटता ही नहीं
बच्चे को स्कूल के काम की चिंता है
पार्क में है और चेहरे पर मुस्कान नहीं
एक और अलग अन्दाज़ का शेर देखिए -
लहर ख़ुद पर है पशेमान कि उसकी जद में
नन्हे हाथों से बना रेत का घर आ गया है
सामाजिक सरोकारों पर उन्होंने खूब लिखा है . यही नहीं यथार्थ का चिंतन भी है -
घर कहें किसको अब यक़ीन से हम
हर जगह हैं मुहाज़िरीन से हम
दुनिया ही लगाएगी तमाशा यहाँ हर रोज़
दुनिया ही तमाशे का तमाशाई बनेगी
क्यों भटकते फिरें जमाने में
अपने अंदर ख़ुदा तलाश करें
हंसते हंसते भी सोगवार हैं हम
ज़िंदगी किसके कर्जदार है हम
इस सब के बीच जिया के भीतर बैठा रोमानी शायर जब जाग जाता है तो कुछ इस प्रकार के शेर भी सामने आते हैं -
तुमने जो किताबों के हवाले किए जानाँ
वो फूल तो बालों में सजाने के लिए थे .
आज यह शाम भीगती क्यों है
तुम कहीं चुप के रो रही हो क्या
मैं बंद आँखों से उसको तलाश करता हूँ
कि उसकी ख़ुशबू किसी रौशनी सी लगती है
जैसे हर पल तेरा ख़्याल आये
काश ऐसे शबे विसाल आए
कुछ तो हो रात काटने के लिये
तू नहीं तो तेरा ख़्याल आये
इश्क़ जब तुझ से हुआ ज़हन के जुगनू जागे
लफ़्ज़ पैकर में ढले सोच के पहलू जागे
बचपन, खेल ,तमाशे, झूले , नदियाँ , आँगन , पहला प्यार
एक तुम्हारी याद आने पर क्या क्या याद आ जाता है .
कुल मिला कर यह संकलन बदलते वक्त का आइना है .
https://desireflections.blogspot.com/
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