Hindi Poetry कवि बड़ा या कविता
कवि बड़ा या कविता
प्रश्न पूछा है एक मित्र ने कवि बड़ा है या उसकी कविता
प्रश्न ठीक वैसा ही है हिमनद बड़ा या उससे निकली सरिता
हिमनद के पिघलने से जलधारा निकल आती है
जो धीरे धीरे आगे बढ़ कर नदी बन जाती है
आगे रास्ते में और छोटे छोटे जल प्रवाह मिल जाते हैं
इस सब से नदिया के धारे और विशाल बन जाते हैं
हिमनद से चल के नदी जीवन दायनी हो जाती है
पशु-पक्षी ही नहीं सभ्यताएँ इसके तटों पर आश्रय पाती है
नदी का प्रवाह मरुस्थल तक को हरियाली में बदल देता है
इसका अतुलित बल मार्ग के विशाल पत्थरों को रेत बना देता है
इसी से ज़्यादातर गाँव शहरों की ज़िंदगी सम्भव हो पाती है
सृष्टि के एक हिस्से को गोद में ले के सरिता चलती जाती है
कवि ठीक हिमनद सरीखा है
जिसके मानस से द्रवित हो कर कविता आकार लेती है
और फिर आड़े टेढ़े ऊँचे रस्तों पर सहज चल लेती है
युग की पीड़ा , जन जन का संघर्ष इसमें आत्मसात् हो जाता है
इसका प्रवाह धीरे धीरे इतिहास का दस्तावेज बन जाता है
जैसे ही कोई इसे अपनी अँजुरी में भरता है
और अपने नयनों से इसका आचमन करता है
उसके सामने इतिहास का एक काल खंड खुल जाता है
कविता का एक एक शब्द आंदोलनों का उद्घोष बन जाता है
इसलिए जिस तरह हिमनद का असीम विस्तार है सरिता
इसी तरह से कवि के सोच और संवेदनाओं का आकार है कविता
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