Hindi Poetry कौन ताकतवर अधिक है
कौन ताक़तवर अधिक है
कुछ क्षण ज़रा बैठो यहाँ आराम से
और फिर सोच कर देना जवाब
कौन ताक़तवर अधिक है
कविताएं या फिर असलाह.
साल दर साल रखी रहे बारूद
तो फिर सील जाती है
प्राण-घातक जंगी हथियारों में
रक्खे रक्खे जंग लग जाती है
बरछी , भाले , तीर तरकश हज़ारों साल बाद
संग्रहालयों की शोभा बढ़ाते हैं
पूरी मानवता मिटा डालें जो एटम बम
सिर्फ़ घुड़कियां देने के काम आते हैं .
दूसरी तरफ़ हैं कविताएँ -
जो अगर सचमुच हैं कविताएँ
सालों साल पुरानी भी आगें उगलती हैं
काट देती हैं जड़ों से झूठ के जंजाल को
दिल में नश्तर की तरह सीधे उतरती हैं
उनको सुन के उन को पढ़ के
सचमुच जवानी जोश में आ जाती हैं
भुजाएँ फ़ड़क उठती हैं
और सत्ताएँ सिर नवाती हैं .
कविताएँ सचमुच अगर हैं कविताएँ
भटके हुओं को सही राहे दिखाती हैं
जड़ता से भरे समाज को
समस्याओं के सही हल भी सुझाती हैं
इसलिए कवि मित्रों अपने काम को
भूल कर के हलके नहीं लेना
यह वो महा यज्ञ है जिसके लिए
निरपेक्ष हो कर सच और केवल सच ही कहना .
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