सोचता हूँ
सोचता हूँ
इधर सोचता हूँ न उधर सोचता हूँ
ज़िंदगी हर वक्त मैं तुझे सोचता हूँ
मेरी ज़िंदगी का टॉनिक है वो
ये कैसे बता दूँ उसे सोचता हूँ
मसाइल हैं वो सब मिरी ज़िंदगी के
ग़लत क्या अगर मैं उन्हें सोचता हूँ
उन को शिकायत है मुझ से बहुत
हर वक्त मैं इतना क्यों सोचता हूँ
आदमी हूँ इस वजह लाज़िम है यह
सोच कर मैं वापस फिर सोचता हूँ
मोहब्बत में हासिल हुआ क्या मुझे
सब कुछ लुटा के मैं ये सोचता हूँ
तुम्हारे नरम रेशमी एहसास को
जो तुम हो नहीं तो उसे सोचता हूँ
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