एक तारा रोज़
एक तारा रोज़
एक तारा रोज़ नभ में जगमगाता था अचानक खो गया
देख कर रहता था आह्लादित मन कुछ कसैला हो गया
अपनी छोटी छोटी ख़ुशियाँ
ढूँढ लेते हैं हम प्रतीकों में
मान लेते हैं अपना ही हिस्सा
जिसको देख लेते हैं अँखियों में
मेरी दुनिया बदल दी किसी ने जो इक इशारा हो गया
राख का ढेर था मेरा यह दिल पल भर में शरारा हो गया
दिल का भी अजीब मामला है
आसानी से समझ नहीं आता है
नहीं आए तो किसी पे नहीं आए
आ जाए पल में फिसल जाता है
आज रस्ते में मिले वो तो इक दिलकश नजारा हो गया
सारे चिंतन सूत्र बौने हो गए दिल में उजियारा हो गया
उससे मिल के मुझ को ऐसा लगा
मेरे सोचे संवाद छोटे पड़ गए
लाज रख ली बीच पसरे मौन ने
भारी भरकम शब्द शरम से गड़ गए
साथ सहरा में चला था हर मुश्किल का सहारा हो गया
बीच दरिया के फँसा था वो आ के मेरा किनारा हो गया
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