आशा के दीप Hindi Poetry
दीप आशा के जलाए रखिए
खुद पे भरोसा बनाए रखिए
ज़िंदगी ख़ुशनुमा हो जाएगी
ख़्वाब पलकों पे सजाए रखिए
क्या मिलेगा हवा में उड़ के
पाँव धरती पे जमाए रखिए
अगर बनना हो हर-दिल अजीज़
राज़ दिल ही में छुपाए रखिए
काटना है अगर समय अच्छा
सादगी को खुद में बसाए रखिए
सोचना ज़्यादा ज़रूरी भी नहीं
बेवजह बोझा न उठाए रखिए
दिल तो बड़ा बावरा सा है
कहीं तो इसे लगाए रखिए
आप को लगती है नज़र जल्दी
इक दिठोना लगाए रखिए
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