साज़िशें : हिंदी ग़ज़ल Hindi Ghazal
साज़िशें फ़ज़ाओं में हैं ख़तरा बहुत बड़ा है
फिर भी अज़ीम शान से बूढ़ा शजर* खड़ा है
क्या कुछ बिगाड़ पाएँगे मिल के तमाम लोग
जब आदमी ने सोच लिया वो चिकना घड़ा है
जीवट बहुत ये आदमी गौर से देखें इसको
किस तरहा गमें दौरां से जम के लड़ा है
यह फ़ैसला है आपका क्या कुछ करेंगे आप
कुछ पल विचार लेना इम्तिहान बहुत बड़ा है
सच सामने हो और आप को नज़र नहीं आए
परदा समझ लीजिए लालच का पड़ा है
23.02.2021.
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