Truth Beyond Sponsored V-logs

प्रायोजित वि-लागिंग और पाकिस्तान में होने जा रहे विकास के सच 
वि-लागिंग एक तेज़ी से विकसित होती दृश्य-श्रव्य विधा है जिसमें शूस्ट्रिंग बजट में रोमांचक प्रेमी  सैलानी किसी भी कम परिचित दूर दराज  इलाक़े से YouTube जैसे  माध्यम से दुनिया भर के लोगों को परिचित कराते हैं . मैंने एक-दो साहसी भारतीय वि-लागर के वि-लॉग भी देखे हैं जिन्होंने मंगोलिया और चीन जैसे देशों के सर्वथा अपरिचित इलाक़ों को सस्ते यात्रा साधनों के द्वारा घूम घूम लोगों को परिचित कराया. 
 इस माध्यम की ताक़त देखते हुए बहुत सारे होटल , रिज़ॉर्ट ने वि-लागर के लिए हवाई यात्रा टिकट और आराम दायक आवास की व्यवस्था करनी शुरू कर दी ताकि उनकी प्रॉपर्टी की जानकारी दुनिया भर में बहुत सस्ते में पहुँच सके . 
यहाँ तक तो ग़नीमत थी बात और भी आगे बढ़ गयी है 
, अब तो ऐसे देश जिनकी दुनिया भर में नकारात्मक छवि बन चुकी है वे वि-लागर की यात्राएँ प्रायोजित करने लगे हैं . पाकिस्तान भी उन चंद देशों में है जिसे दुनिया भर में आतंकवाद की सरज़मीं और प्रयोगशाला माना जाने लगा है . हालात इतने बिगड़े हुए हैं कि पाकिस्तानी नागरिक अपनी यूरोप और अमेरिका में यात्रा के दौरान अपनी नागरिकता को छुपाने की पूरी पूरी कोशिश करते हैं . पाकिस्तान के कई वि-लाग देख कर लगा कि किस तरह इस माध्यम को सरकारें भी अपने नैरेटिव को आगे बढ़ाने में इस्तेमाल कर सकती हैं .
यह तो सब जानते हैं पिछले कुछ दिनों में चीन ने पाकिस्तान को आर्थिक रूप से नियंत्रित करने क़ी ज़बरदस्त कोशिश की है ताकि भारतीय महासागर में उसकी बंदरगाह बनाने की महत्वाकांक्षा को उड़ान मिल सके , पाकिस्तान ने प्लेट में सजा कर ग्वादर का इलाक़ा उसे सौंप दिया है जहां चीन पूरे ज़ोर शोर से बंदरगाह के निर्माण में जुटा हुआ है . चीन की तैयारी पाकिस्तान के अपनी सीमा से सटे इलाक़े से हो कर आने वाली चौड़ी सड़कों से ग्वादर से जोड़ कर अपने तैयार माल को अफ़्रीका , पश्चिम एशिया, यूरोप के बाज़ारों तक क़म से कम समय में पहुँचाने की है . इस पूरे प्रकल्प के कारण पाकिस्तान की प्रभुसत्ता कैसे प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकती है इसके बारे में पाकिस्तान में कोई ख़ास सुगबुगाहत नहीं दिखती है . लेकिन निर्माण योजना के लिए बनी सीपीआइसी संस्था इस पूरे प्रकल्प की इन्द्रधनुषी तस्वीर बनाने के लिए दुनिया भर के वि-लागर के ट्रिप प्रायोजित कर रही है . पूरा ट्रिप और उसमें  स्थान चुनने का विकल्प प्रायोजित वि-लागर के पास नहीं होता , वो वही देखते और सुनते पाते हैं जो उन्हें सुनाया जाता है .इस तरह से ये वि-लागर  सीपीआइसी द्वारा बनाए गए नैरेटिव को अनजाने में ही दुनिया भर में फैला रहे हैं. 
वि-लागिंग जैसे सशक्त माध्यम में अगर कोई अजेंडा जाने अनजाने में जुड़ जाय तो उसका यह हश्र भी हो सकता है .












Comments

Popular posts from this blog

Is Kedli Mother of Idli : Tried To Find Out Answer In Indonesia

A Peep Into Life Of A Stand-up Comedian - Punit Pania

Searching Roots of Sir Elton John In Pinner ,London