Hindi Poetry : विफलता को पलटना होगा
विफलता को पलटना होगा
कई बार हमें लगता है
हमारे साथ सब कुछ उल्टा पुल्टा हो रहा है .
शेयर में निवेश घट के चौथाई रह गया है
प्रापर्टी की क़ीमतें धराशायी हो गयी हैं
माल नहीं बिक रहा है
खीसे में नगदी कम है
उधारी ज़्यादा हो गयी है .
ऐसा लग रहा है
जंगल में ड्राइव करते करते भटक गए हैं
और गूगल मैप ने काम करना बंद कर दिया है
अजीब पशोपेश है
आप चाहते तो मुस्कुराना हैं
मगर मुँह से सिसकारी निकल रही है .
बात सही है, समस्याएं मुँह बाए खड़ी हैं
कुछ दिन अपने खोल में सिमट जाओ ,
यह मुसीबत की घड़ी है ,
लेकिन कौन सी शै तुमसे बड़ी है .
चिल मारो यार ,
ये सफलता और विफलता
एक ही सिक्के के दो पहलू हैं
विफलता को कोशिश करके पलट दो
सफलता तुम्हारे सामने होगी .
तुम्हें पता है
जब तुम परेशानी में होते हो
सफलता तुम्हारे आस पास ही होती है
तुम उसे देख नहीं पाते हो
इसलिए मुसीबत में धैर्य मत छोड़ो
लड़ो, लड़ो और लड़ते रहो .
तकलीफ़ जितना सताए
उससे कहीं ज़ोर से उसे धक्का देते रहो.
यही मंत्र है
यही तंत्र है .
जब सबसे ख़राब वक्त हो
डगमगाओ नहीं
जमे रहो
विपरीत परिस्थितियों के ख़िलाफ़
बड़ी ताक़त तुम स्वयं ही तो हो .
-प्रदीप गुप्ता
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