Hindi Poetry: वैलेंटाइन डे और प्यार का एहसास

वैलेंटाइन डे और यह दूरी 


आज तुमसे बहुत दूर हूँ 

बस तुम्हारे बारे में सोच रहा हूँ 

जिस तरह से सोच रहा हूँ 

उसे अभिव्यक्त करने के लिए 

सही सही शब्द नहीं मिल पा रहे हैं

पर इसके साथ यह भी सच है 

इसे छुपाना और भी मुश्किल हो रहा है


चलो कोशिश करके देखता हूँ :

तुम अब मेरे लिए मुक्कमिल दुनिया बन चुके हो 

जिसमें किसी और की गुंजाइश नहीं है 

और मेरे लिए इसे बदल पाना बहुत मुश्किल है .


अफ़सोस इस बात का है 

तुम्हारे सामने बैठ कर यह क्यों नहीं कह सका 

पर मेरी ज़बान साथ नहीं दे पाती थी 

बस इस डर से कि कहीं हमारा रिश्ता 

दोस्ती की हद तक तो महदूद नहीं . 


तुमसे कई सौ मील दूर हूँ 

अभी अभी कैलेंडर देखा 

आज वैलेंटाइन डे है 

तुम्हारा रूमाल पता नहीं कैसे

मेरे ब्रीफ़ केस में चला आया था 

उसे सुबह से कितनी ही बार चूम चुका हूँ 

क्या यही प्यार है ?

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