Hindi Poetry : मुझे बार बार कहा जाता है देश से प्यार करो

मुझे बार बार कहा जाता है देश से प्यार करो

मुझे बार बार कहा जाता है देश से प्यार करो
पहले मुझे यह बताओ यह देश क्या है ?
देश दुनिया के ग्लोब में मुद्रित स्थान है ?
या फिर किसी भूगोल की किताब में छपा नक़्शा है ?
नहीं मित्र , देश वही है जिस के लिए फ़ौज का सिपाही
अपनी या अपने परिवार की परवाह किए बिना जान उत्सर्ग कर देता है
देश वही है जिसके लिए किसान पूरे साल आँधी , लू या फिर बर्फीली हवाओं में खड़े हो कर उगता है फसलें
देश वही है जिसके लिए मज़दूर सुबह से शाम तक बोझ उठा कर बनता है पुल, सड़कें , भवन
देश वही है जिसके लिए वैज्ञानिक और शोधकर्ता खोजते हैं
ऐसे उपाय जिससे आम आदमी की ज़िंदगी हो सके बेहतर
तो ऐसे देश को प्यार करने के लिए पहले अपने आप से प्यार करो
अपने परिवार को प्यार करो
अपने आस पास के लोगों से प्यार करो
अपने आस पड़ोस को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करो
अपने नेता को आगाह करते रहो
वह तुम्हारा सेवक है नियंता नहीं
फिर तुम्हारा देश खुद संवर जाएगा
तुम्हें पहले से कहीं बेहतर लगने लगेगा.
देश से प्यार करने के लिए किसी उपदेश या भाषण की ज़रूरत नहीं है .
           - प्रदीप गुप्ता

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