Hindi Poetry : समय शिला पर अंकित हैं सारे अनुबंध
समय शिला पर अंकित हैं सारे अनुबंध
चलते चलते साथ सफ़र में सयाने हो चले सम्बंध
समय शिला पर अंकित हो गए अनगिनत अनुबंध
इस सब के बीच कहीं पर विदा ले रही है तरुणाई
चाँदी के तारों से गछ गई केश राशि की परछाई
समय बहुत बलशाली है और साथ ही निष्ठुर भी
जीने की इच्छा के आगे नतमस्तक हो जाता फिर भी
इसी लिए पतवार न छोड़ो कस के थामो नौका को
संकल्पों का बल झुक़ा देता है अच्छे अच्छे योद्धा को
रेत घड़ी सा फ़िसल रहा है समय हमारे हाथों से
लेकिन इसको रोक सकें हम रिश्ते की सौग़ातों से ..
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