Hindi Poem : कई बार हम दूसरों के वेदना में सुख पा लेते हैं
कई बार हम दूसरों की वेदना में सुख पा लेते हैं
कभी पत्ता बन कर देखो
तब पता लगेगा कि फाल* के मौसम में
कितना वेदनापूर्ण होता है
अपने पित्रवत पेड़ से जुदा हो जाना
सर्द हवाओं और जाड़े के प्रकोप से
तिल-तिल सूखना , सिकुड़ना , कृषकाय होते जाना
और
जब आपकी चमकती क़ाया अतीत बन जाती है.
कितना अजीब लगता है
लोग पत्ते को आस्तित्व विहीन होने की प्रक्रिया में
तेजी से हरे से पीले, लाल , गाढ़े मटमैले , बैगनी रंगों में बदलते
देख कर आह्लादित होते हैं
फ़ॉल कलर# का सुख पाते है
पत्ते का दुःख दर्द किसे पता होता है .
शब्द और छाया प्रदीप गुप्ता , स्थान : यही कहीं लंदन
*fall winter season
# Fall colors


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