Hindi poetry आपका रास्ता उस दिन से सुगम नहीं रहता
आपका रास्ता उस दिन से सुगम नहीं रहता
आपका रास्ता उस दिन से सुगम नहीं रहता
जिस दिन से आप अपने रहनुमा से
आगे के रास्ते
और गंतव्य के बारे में सवाल पूछने लगते हो
दूसरे अंधजनों की तरह
उसके पीछे चलने की जगह
किसी पगडंडी या खरंजे पर चलने लगते हो
मुझे मालूम है
उस दिन से तुम तुम नहीं रहते
तुम्हें श्रीफल, दुशाले और बख़्शीश की जगह
सामना करना पड़ता है
तनी भृकुटि का
अन्धजन के तंज और गालियों का
आँधी और अंधड़ का
लेकिन यह आप पर निर्भर है कि आप
आगे की सम्भावित खाई में गिरना चाहते हैं
या फिर
बचने की एक़ क़ोशिश कर के देखना चाहते हैं
हो सकता है
आपकी पगडंडी और ज़्यादा कष्टप्रद हो
आप खरंजे वाले रास्ते में गिर जाएँ
लेकिन आपको सुकून रहेगा
कि आप ने अपना रास्ता
खोज कर देखा तो सही .
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