Life of a Thorn - Hindi Poem
मुझे चाहिए जीवन उस काँटे जैसा
जो कली के फूल बनने का साक्षी रहता है
फूल योवन पर आते ही आकर्षित करता है
एक नहीं कई ऐसे फूल प्रेमियों को
जो उसे तोड़ कर ट्राफ़ी की तरह
ड्राइंग रूम में गुलदस्ते में सज़ाना चाहते हैं
और उसके योवन के ढलते ही
डस्टबिन में ट्रैश कर देते हैं
काँटा ऐसे लोगों से फूल को बचाने की कोशिश करता है
अक्सर उन्हें लहू लहान भी कर देता है
पर काँटा काँटा ही तो है
कोई सुपरमैन नहीं .
काँटा छोटा हो या फिर अपने योवन पर
उससे पंगा लेने की हिमाक़त कोई नहीं करता.
शब्द और छाया अंकन प्रदीप गुप्ता

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