Ek Ghazal Mitron Ke Liye - New Ghazal

इन दिनों कई लोग मित्रों सम्बोधन से डर जाते हैं , मैं तो इश्क और मोहब्बत के नाम से डर जाते हैं। 

जब से मोहब्बत  हुई  है मित्रों 
दिल की हालत अजीब है मित्रों 

आँख से दूर क्या हुआ है वो 
और दिल के करीब है मित्रों 

अपनी  रातों में मस्त रहता हूँ 
सुबह  अपनी रकीब है  मित्रों 

इश्क  होता है जिंदगी में अक्सर 
फिर भी  लगता अजीब है मित्रों 

आशिकी का बयान कैसे करूँ 
यह तो अपना नसीब  है मित्रों 

                                 -प्रदीप गुप्ता 

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