Himachal Goddess Project - Bhajans
Chintapurni Mata
(THIS TEMPLE IS SITUATED IN KANGRA DISTRICT OF HIMACHAL PRADESH)
chanting in Backdrop :
जय जय माता चिंतपूर्णी जय जय माता चिंतपूर्णी
चिंतपूर्णी माता तुम उद्धार करो
भव सागर से मेरा बेडा पार करो
सकल सृष्टि की तुम माता हो
सुख वैभव की तुम दाता हो
निज ममता का विस्तार करो
भवसागर से मेरा बेडा पार करो
खली हाथ तेरे दर पर मैं आया हूँ
भेंट नहीं कुछ ले कर आया हों
मेरे भावों के पुष्प स्वीकार करो
भव सागर से मेरा बेडा पार करो
चिंतपूर्णी माता तेरी शान निराली है
खुशियों से तू झोली भरने वाली है
करुणा के इस स्वर का ध्यान करो
भव सागर से मेरा बेडा पार करो
धन दौलत की कोई दरकार नहीं
शान शौकत की भी कोई चाह नहीं
बस मेरे मन मंदिर में तुम वास करो
भव सागर से मेरा बेडा पार करो..............................
BHAJAN NO. 2
INVOKING BRAJESHWARI MAA
(DEDICATED TO BRAJESHARI MAA OF NAGARKOT, KANGRA It is believed that Ear of Devi is laid there)
In backdrop regular chanting of :
नगरकोट माँ ब्रजेश्वरी देवी की जय
जय जय मात भवानी की
जय जय शेरावाली की
भक्त आए तेरे द्वार शेरा वालिये
कर उनका कल्याण शेरा वालिये
भजन :
भक्तों के दुःख दर्द को अपना बना लेती है
कांगड़े वाली मैय्या आँचल में छुपा लेती है
जब भी दुनिया के कष्टों से मन घबरा जाय
कांगड़े वाली मैया अपने दर पे बुला लेती है...
धौलाधार शिखर मां को झुक शीश नवाता है
नगरकोट मां की महिमा बच्चा बच्चा गाता है
माँ का धाम सदा से भक्तों को लुभाता है
जो सोचा है मन में भगत वही सब पाता है
पौड़ी पौड़ी चढ़ते जो माँ का नाम जपा करते
सुख मिलते उनको, सारे दुःख दारुण कटते
ऐसी सच्ची मेरी मैय्या नगरकोट में राज करे
सिंह पीठ पर बैठी मैय्या भक्तों का कल्याण करे
सफल हो गया जीवन मेरा तेरे दर्शन पा के
तीनों लोक मिले मुझको द्वार तुम्हारे आके
जीवन में अब शेष रही आस न कोई बाकी
माता तेरी शरण आ गया दर्शन का अभिलाषी।
Bhajan No.3
(Dedicated to Famous Jwala Devi)
In backdrop chanting of -
Jwala mai kee Jai
Bolo Sache Daebar kee Jai
हम आ गए तेरे द्वार ओ ज्वाला माई
करके तेरी जैकार ओ ज्वाला माई
तेरा यह रूप निराला है
खुशियों को देने वाला है
कर दो अपना उद्धार ओ ज्वाला माई
हम आ गए तेरे द्वार ओ ज्वाला माई
अकबर भी चल कर आया था
सोने का छतर चढ़ाया था
बदला उसका संसार ओ ज्वाला माई
करके तेरी जैकार ओ ज्वाला माई
तेरे दर शीश नवाते हैं
ज्योतां की महिमा गाते हैं
बहती रास की तू धार ओ ज्वाला माई
करती तू बेड़ा पार ओ ज्वाला माई
तेरी ज्योतां में शक्ति है
जीवन देती वो भक्ति है
ले मेरा हाथ संभाल ओ ज्वाला माई
हम आ गए तेरे द्वार ओ ज्वाला माई ............................
Bhajan No.4
Jai Chamunda Ma (Devoted to Chamunda Devi near Palanpur Himachal-A shakti Peeth)
In backdrop regular chanting :
बोलो चामुंडा माई की जय
भजन -
पर्वत की गोद में मंदिर माँ
हिम अंचल में तू बसती मां
खुद प्रगट हुई थी धरती से
खुश हो कर सच्ची भक्ति से
जय जय जननी चामुंडा मां
हरती सब संकट मेरी माँ
तेरी सेवा रत भैरव हैं
पवनपुत्र नतमस्तक हैं
ऐसी शक्ति की स्वामी माँ
जय जय जननी चामुंडा माँ
दुष्टों का मर्दन करने को
भक्तों के संकट हरने को
लेती है जनम चामुंडा माँ
जय जय जननी चामुंडा माँ..................................
Bhajan No.5
(Dedicated to Bagula Mukhi Ma, Kangra District Himachal)
Chanting in Backdrop - ॐ ह्लीँ बगुलामुखी सर्वदुष्टां वाचं मुखं पदं स्तंभयं जिव्ह्यां कीलम बूढी विनाशं ह्लीं ॐ स्वाहा
बगुलामुखी माँ तेरी शरण रहेंगे
नमन करेंगे नमन करेंगे नमन करेंगे
इनके सम्मुख ठाड़े ब्रह्मा विष्णु महेश
ऐसी मेरी माता रानी काटे कष्ट क्लेश
हर युद्ध से पहले परशुराम आये इनके द्वारे
मैय्या का वरदान प्राप्त कर सारे शत्रु संहारे
पावन अंचल में काँगड़ा के मंदिर साजे
इस मंदिर में बगुलामुखी माँ स्वयं विराजे
पीले वस्त्रों में भक्त जन इस मंदिर में आवें
अपने सारे कष्टों की आ अर्ज लगावें
ऐसी मेरी माता भव बाधा को दूर करावें
कष्ट क्लेश हरें कोर्ट कचहरी मुक्त करावें
(THIS TEMPLE IS SITUATED IN KANGRA DISTRICT OF HIMACHAL PRADESH)
chanting in Backdrop :
जय जय माता चिंतपूर्णी जय जय माता चिंतपूर्णी
चिंतपूर्णी माता तुम उद्धार करो
भव सागर से मेरा बेडा पार करो
सकल सृष्टि की तुम माता हो
सुख वैभव की तुम दाता हो
निज ममता का विस्तार करो
भवसागर से मेरा बेडा पार करो
खली हाथ तेरे दर पर मैं आया हूँ
भेंट नहीं कुछ ले कर आया हों
मेरे भावों के पुष्प स्वीकार करो
भव सागर से मेरा बेडा पार करो
चिंतपूर्णी माता तेरी शान निराली है
खुशियों से तू झोली भरने वाली है
करुणा के इस स्वर का ध्यान करो
भव सागर से मेरा बेडा पार करो
धन दौलत की कोई दरकार नहीं
शान शौकत की भी कोई चाह नहीं
बस मेरे मन मंदिर में तुम वास करो
भव सागर से मेरा बेडा पार करो..............................
BHAJAN NO. 2
INVOKING BRAJESHWARI MAA
(DEDICATED TO BRAJESHARI MAA OF NAGARKOT, KANGRA It is believed that Ear of Devi is laid there)
In backdrop regular chanting of :
नगरकोट माँ ब्रजेश्वरी देवी की जय
जय जय मात भवानी की
जय जय शेरावाली की
भक्त आए तेरे द्वार शेरा वालिये
कर उनका कल्याण शेरा वालिये
भजन :
भक्तों के दुःख दर्द को अपना बना लेती है
कांगड़े वाली मैय्या आँचल में छुपा लेती है
जब भी दुनिया के कष्टों से मन घबरा जाय
कांगड़े वाली मैया अपने दर पे बुला लेती है...
धौलाधार शिखर मां को झुक शीश नवाता है
नगरकोट मां की महिमा बच्चा बच्चा गाता है
माँ का धाम सदा से भक्तों को लुभाता है
जो सोचा है मन में भगत वही सब पाता है
पौड़ी पौड़ी चढ़ते जो माँ का नाम जपा करते
सुख मिलते उनको, सारे दुःख दारुण कटते
ऐसी सच्ची मेरी मैय्या नगरकोट में राज करे
सिंह पीठ पर बैठी मैय्या भक्तों का कल्याण करे
सफल हो गया जीवन मेरा तेरे दर्शन पा के
तीनों लोक मिले मुझको द्वार तुम्हारे आके
जीवन में अब शेष रही आस न कोई बाकी
माता तेरी शरण आ गया दर्शन का अभिलाषी।
Bhajan No.3
(Dedicated to Famous Jwala Devi)
In backdrop chanting of -
Jwala mai kee Jai
Bolo Sache Daebar kee Jai
हम आ गए तेरे द्वार ओ ज्वाला माई
करके तेरी जैकार ओ ज्वाला माई
तेरा यह रूप निराला है
खुशियों को देने वाला है
कर दो अपना उद्धार ओ ज्वाला माई
हम आ गए तेरे द्वार ओ ज्वाला माई
अकबर भी चल कर आया था
सोने का छतर चढ़ाया था
बदला उसका संसार ओ ज्वाला माई
करके तेरी जैकार ओ ज्वाला माई
तेरे दर शीश नवाते हैं
ज्योतां की महिमा गाते हैं
बहती रास की तू धार ओ ज्वाला माई
करती तू बेड़ा पार ओ ज्वाला माई
तेरी ज्योतां में शक्ति है
जीवन देती वो भक्ति है
ले मेरा हाथ संभाल ओ ज्वाला माई
हम आ गए तेरे द्वार ओ ज्वाला माई ............................
Bhajan No.4
Jai Chamunda Ma (Devoted to Chamunda Devi near Palanpur Himachal-A shakti Peeth)
In backdrop regular chanting :
बोलो चामुंडा माई की जय
भजन -
पर्वत की गोद में मंदिर माँ
हिम अंचल में तू बसती मां
खुद प्रगट हुई थी धरती से
खुश हो कर सच्ची भक्ति से
जय जय जननी चामुंडा मां
हरती सब संकट मेरी माँ
तेरी सेवा रत भैरव हैं
पवनपुत्र नतमस्तक हैं
ऐसी शक्ति की स्वामी माँ
जय जय जननी चामुंडा माँ
दुष्टों का मर्दन करने को
भक्तों के संकट हरने को
लेती है जनम चामुंडा माँ
जय जय जननी चामुंडा माँ..................................
Bhajan No.5
(Dedicated to Bagula Mukhi Ma, Kangra District Himachal)
Chanting in Backdrop - ॐ ह्लीँ बगुलामुखी सर्वदुष्टां वाचं मुखं पदं स्तंभयं जिव्ह्यां कीलम बूढी विनाशं ह्लीं ॐ स्वाहा
बगुलामुखी माँ तेरी शरण रहेंगे
नमन करेंगे नमन करेंगे नमन करेंगे
इनके सम्मुख ठाड़े ब्रह्मा विष्णु महेश
ऐसी मेरी माता रानी काटे कष्ट क्लेश
हर युद्ध से पहले परशुराम आये इनके द्वारे
मैय्या का वरदान प्राप्त कर सारे शत्रु संहारे
पावन अंचल में काँगड़ा के मंदिर साजे
इस मंदिर में बगुलामुखी माँ स्वयं विराजे
पीले वस्त्रों में भक्त जन इस मंदिर में आवें
अपने सारे कष्टों की आ अर्ज लगावें
ऐसी मेरी माता भव बाधा को दूर करावें
कष्ट क्लेश हरें कोर्ट कचहरी मुक्त करावें
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