Deepawali Greetings
दीपावली की शुभकामनाएँ
एक दीपक घुप्प अंधेरी रात में
आस्धा का नेह लेकर जल रहा है
जो बली हैं लोग उसको पूछते हैं
इसलिए सूरज को सदा से पूजते हैं
दीप तो इतिहास ऐसा रच रहा है
गली गली को रौशन कर रहा है
लोग अंधेरों को समर्पण कर चुके हैं
दीप डट कर अंधेरों को छल रहा है
लोग आंधी से डरे आक्रांत हैं
वीर धीर घरों में बैठे शांत हैं
दीप आंधी से अकेला लड़ रहा है
लौ कभी कम तो तेज कर रहा है.
एक दीपक घुप्प अंधेरी रात में
आस्धा का नेह लेकर जल रहा है
जो बली हैं लोग उसको पूछते हैं
इसलिए सूरज को सदा से पूजते हैं
दीप तो इतिहास ऐसा रच रहा है
गली गली को रौशन कर रहा है
लोग अंधेरों को समर्पण कर चुके हैं
दीप डट कर अंधेरों को छल रहा है
लोग आंधी से डरे आक्रांत हैं
वीर धीर घरों में बैठे शांत हैं
दीप आंधी से अकेला लड़ रहा है
लौ कभी कम तो तेज कर रहा है.
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