Legacy of Pakistan in Hindi



पाकिस्तान कब बना यह सवाल अगर भारत में किसी से पूछा जाय तो वह यही कहेगा कि  सन  १९४७ में।  लेकिन यही सवाल अगर पाकिस्तान में किसी से पूछा जाय तो वह दिग्भर्मित हो जाएगा। अगर वह यह कहे कि सन १९४७ तो उसे यह स्वीकार करना होगा कि उससे पहले का उसका इतिहास और संस्कृति भारत के साथ साझी है ऐसे में उसका अपना क्या रह जाएगा. इसलिए वहां पर बहुत से इतिहासकार पाकिस्तान का निर्माण सन ७१२ बताते हैं जब अरब सिंध और मुल्तान में आये थे। यह एक बहुत बड़ा झूठ  है जिसके साथ वहां की नई पीढ़ी को जीना सिखाया जा रहा है. सचाई यह है कि पूरे पाकिस्तान में अरब मूल के लोग तो आबादी का १ प्रतिशत भी नहीं हैं, बाकी सभी का उद्गम उन्ही जड़ों से है जो भारत के लोगों की हैं.

     लेकिन पाकिस्तान में भी कुछ ऐसे रेशनल लोग हैं जो इस सचाई को स्वीकार करते हैं।   वहां के एक जाने माने  इतिहासकार  और राजनीतिक अर्थशास्त्री अकबर एस. जैदी ने स्वीकार किया है. उनका कहना है  कि  लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं, क्योंकि पाकिस्तान में इतिहास नैतिक दृष्टिकोण के आधार पर पढ़ाया जाता है।
'पाकिस्तान के इतिहास पर सवाल'विषय पर अपने भाषण में जैदी ने कहा,''विद्यार्थियों को पाकिस्तान के लोगों का इतिहास नहीं पढ़ाया जाता, बल्कि यह पाकिस्तान के निर्माण पर केंद्रित होता है।''कराची में इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में इतिहास के प्राध्यापक जैदी, कराची युनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे।

अपने भाषण के दौरान जैदी ने श्रोताओं से कई खरे खरे सवाल पूछे, मसलन पाकिस्तान का इतिहास क्या है और क्या पाकिस्तान का इतिहास पूछने की जरूरत है? पाकिस्तान कब बना? 14 अगस्त, 1947 या 15 अगस्त, 1947?

पाकिस्तान कब बना के सवाल पर जैदी ने कहा कि वास्तव में यह 14 अगस्त, 1947 को अस्तित्व में आया था, लेकिन पाकिस्तान के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली एक पुस्तक का अंश पढ़ते हुए जैदी ने कहा कि पुस्तक में दावा किया गया है कि यह 712 ईस्वी में अस्तित्व में आया, जब अरब सिंध और मुल्तान आए।किताब के उद्धरण को अस्वीकार करते हुए जैदी ने कहा, ''यह बिल्कुल बकवास है।''


यही नहीं वहां पुस्तकों  में पढ़ाया जाता है कि भारत के साथ हुए 1965 के युद्ध में पाकिस्तान ने शानदार जीत हासिल की थी। जैदी  ने पाकिस्तान के जीत के भ्रम को यह कह कर अस्वीकार कर दिया कि इससे बड़ा झूठ नहीं हो सकता, क्योंकि पाकिस्तान बुरी तरह हारा था। राजनैतिक और कूटनीति विश्लेषक शुजा नवाज ने भी अपनी पुस्तक  'क्रॉस्ड स्वॉड्रर्स' में इस  युद्ध की सच्चाई बयान की है।

आज भी आम पाकिस्तानी को लगातार यह फीड किया जाता है कि भारत ने  1971 में पाकिस्तान का विभाजन करा दिया था, यह नहीं बताया जाता है कि पाकिस्तानी हुक्मरानों ने पूर्वी पाकिस्तान में बसे  बंगाली मुसलामानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जिसके कारण उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन की शुरआत की. अगर यह सचाई आम पाकिस्तानी को पता चल जाय तो धर्म आधारित राष्ट्र की अवधारणा की कलई खुल जाएगी। यदि पश्चिम पाकिस्तान के हुक्मरानों ने पूर्वी पाकिस्तान के साथ सौतेला व्यवहार नहीं किया होता तो भारत एक लाख से भी अधिक पाकिस्तानी सैनिक युद्धबंदी नहीं बना सकता था.  


बाद में श्रोताओं के  सवालों का जवाब देते हुए जैदी ने बताया कि कराची के शैक्षणिक विकास में पारसियों और हिंदुओं और पंजाब में सिख लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। जैदी ने कहा, ''पाकिस्तान को भौगोलिक परिदृश्य में देखने की जरूरत है।''अलग पहचान के सवाल पर जैदी ने कहा, ''ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है। मैं एक ही साथ सिंधी, हिंदू और पाकिस्तानी भी हो सकता हूं।''

मुझे लगता है जब तक जैदी जैसे लोगों की जमात पाकिस्तान और भारत में नहीं बढ़ेगी यह धर्म आधारित राष्ट्र का भूत भारतीय उपमहा द्वीप को हाँट करता रहेगा। 

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