Poetry : एक क्षण की प्रतीक्षा
अगर मैंने तुम से कहा होता कि
मेरे लिए इस की बहुत अहमियत है ,
क्या तमने मेरा यकीन किया होता ?
क्या तुम मुझ से सहमत होतीं ?
यह कुछ ऐसा ही एहसास था
जैसा कि पहली बार मिलने पर हुआ था
जब मैं यह कहूँ कि प्यार यहीं और अभी हमारे बीच में है
क्या मैं तुम्हें दीवाना सा लगने लगूंगा .
एक ऐसे ही क्षण की प्रतीक्षा
कुछ लोग जिंदगी भर करते रहते हैं
कुछ लोग हमेशा ऐसे ही अंतरंग क्षणों की तलाश करते रहते हैं
मुझे तो यकीन ही नहीं होता कि यह सब मेरे साथ घट रहा है .
सब कुछ बदल रहा है
पर सुन्दर पलों को तो मैं ऐसे ही संजों कर रखूंगा
यह प्यास यह एहसास इतना कोमल है
मैं समझा नहीं सकता हूँ.
मुझे ऐसा लगा जैसे कि मैं कोई सपना देख रहा होऊं
मैं चाहता हूँ कि ऐसा सपना मुझे ताउम्र दिखता रहे ………
@ प्रदीप गुप्ता
02. 11. 014.
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