Hindi Poetry : प्यार का एहसास
प्यार का एहसास
तुम्हारी मुस्कराहट की रौशनी में
तुम्हारी मुस्कराहट की रौशनी में
हमारे जीवन की ऊष्मा से
प्यार के स्पर्श से
कितने तूफ़ान आये और चले गए .
मेरे हर सपने में तुम ही होती हो
इसी से मुझे स्वर्गिक अनुभूति मिलती है
जैसे गहरे साये आते हैं मिट जाते हैं
मेरा प्यार रेत की तरह हाथ से फिसल जाता है .
निर्जन से किनारे पर
लहरों पर तुम्हारी तस्वीर बनते देखता हूँ
बीच पर रेत पर भी तुम्हारा चेहरा उभर आता है .
तुम्हारी अनुभूति पाने के लिए
एक एक करके समुद्र की तरफ कंकड़ उछाल देता हूँ
रेत में बनाया हुआ महल
लहरों के बहाव के साथ
मेरे देखते ही देखते बह जाता है .
लहरों के साथ मिल कर रेत पर पड़े शंखों की ध्वनि
मुझे तुम्हारी आवाज का एहसास दिलाती है
तुम्हारी छवि कुछ इस तरह से
मेरी आत्मा में बस गयी है .
इन दिनों हम तुम सात समंदर पार की दूरी पर हैं
महज सपनों में मिलते हैं
पर हम वापस जब भी मिलेंगे
हमारे बीच सब ठीक पुराने दिनों जैसा ही होगा .
तुम्हारे स्पर्श का एहसास
तुम्हारे आँचल की गंध
इस फासले के वावजूद
वैसी ही वैसी
मेरे रात और दिनों को रोशन किये हुए है .
@Pradeep Gupta
30.10.2014.
प्यार का एहसास
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