Ghazal : Udaas

उदास है चलो उसे ज़रा   गुदगुदा के देखें 
फिर उसकी मुस्कान पे खुद को मिटा के देखें 

कितने रंगों से सज गया है आसमां 
चलो कुछ और रंगों की पतंगें उड़ा कर देखें 

जिंदगी कट गयी तमाम बंदिशों से 
उन्मुक्त हो के समंदर में नहा कर देखें 

हमें भी आता है दिल खोल के मुस्काना 
मगर देखें तो किसे मुस्करा कर देखें 

अजब ये लोग हैं कुछ भी नहीं सुनना चाहें 
क्यों ना इन्हें इक बार सदा दे कर देखें 

प्यार उमड़ेगा इस शहर पे बेपनाह तुमको
 कुछ दिनों जरा और कहीं जा के देखें 

                            प्रदीप गुप्ता 
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