Dosti : Ek nai ghazal



मैं तडफता  हूँ किसी दोस्त की दोस्ती के लिए
 पर नहीं मिलता कोई  दोस्त दोस्ती के लिए 

दोस्ती    की है तो  ता: उम्र निबाही जाय 
जिंदगी एक ही मिल पायेगी दोस्ती के लिए 

जिंदगी अपनी भी कट गयी फकीरी में 
क्या क्या नहीं सहा है दोस्ती के लिए 

हमने माना  रस्ते अलग  चुन लिए अपने 
दो कदम देख लो चल के दोस्ती के लिए 

मान, मनुहार, शरारत, झगड़ा  सब जायज है
पर न दो दगा कभी किसी को  दोस्ती के लिए  

copy right protected                           - प्रदीप गुप्ता

20.12.2013. 

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