Ek Ghazal Holi Par
रंग और नूर की बरसात गिरी होली में
दिल बेईमान हो गया यार मेरे होली में
फाग में आग लगी रूप और श्रृंगार की
गोरी का रूप और निखर आया होली में
रंगों की धार जब गिरी सीधे ही चोली में
कपोल लाल लाल हुए बिन रंगों के होली में
कोई पहचान न पाय उसे सखियों की टोली में
रंग और गुलाल ने बदली प्रोफाइल होली में
गोरी इस बार जा के बैठी दूर कहीं होली में
फेसबुक पे फेस तेरा बस चमके है होली में
गोरी का रूप और निखर आया होली में
रंगों की धार जब गिरी सीधे ही चोली में
कपोल लाल लाल हुए बिन रंगों के होली में
कोई पहचान न पाय उसे सखियों की टोली में
रंग और गुलाल ने बदली प्रोफाइल होली में
गोरी इस बार जा के बैठी दूर कहीं होली में
फेसबुक पे फेस तेरा बस चमके है होली में
फूलों ने भंवरे से क्या बात करी होली में
बाग़ में हर शाख पे आयी बहार होली में
कितनी मंहगाई है इस बार यार होली में
छोड़ दो रंगो को डालो पानी फुहार होली में
रह ना जाय बाकी कोई गर्दो गुबार होली में
रिश्तों की खटास मिट जाय बॉस होली में
रह ना जाय बाकी कोई गर्दो गुबार होली में
रिश्तों की खटास मिट जाय बॉस होली में

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