Dhanteras Poojan
सोमवार अर्थात कल धन त्रिओदिशि है. इस दिन को आम भाषा में धनतेरस भी कहते हैं. अपनी अपनी हैसियत के अनुसार हर परिवार की इच्छा रहती है की मूल्यवान धातु घर में खरीद के लाये, मान्यता है कि इस से पूरे वर्ष भर घर में सुख संपत्ति का वास रहता है.
घर के एक कोने में सुन्दर सा मंडप बनायें उसे वस्त्र और पुष्पों से सजाएँ. वहां महालक्ष्मी की प्रतिमा के सामने श्री यन्त्र, श्रीपारद सुमेरु प्रष्ट कुबेर यंत्र तथा कनक धारा यंत्र स्थापित करें, इनका पूजन करें. श्री यंत्र मध्य में रहे. कुबेर यंत्र तथा कनक धारा यंत्र इसके दोनों ओर रहें. सामने रोली से षट कोण बना कर शुद्ध घी वाला बड़ा दीपक रखें. पांच या ग्यारह छोटे छोटे दीप रख लें. पूजन के लिए कमल पुष्प या कमल पुष्प की माला तथा जप के लिए कमल गत्ते की माला लें. २७, ५४ या १०८ बार कुबेर मन्त्र तथा लक्ष्मी मन्त्र का जाप करें.
दरअसल धन त्रयोदिशी को कुबेर का दिन भी माना जाता है. कुबेर लक्ष्मी माँ के सेवक, द्वारपाल, कोष के रक्षक मने जाते हैं. इनकी कृपा से ही लक्ष्मी का घर में आगमन होता है. सुमेरु प्रष्ट कुबेर यंत्र के सामने सिक्के, रूपये रखें, स्फटिक माला से कुबेर मन्त्र का जाप करें.
कुबेर मन्त्र :
ॐ श्रीं ॐ ह्लीं श्रीं ह्लीं क्लीं श्री क्लीं वित्तेश्राय नम:
रात्रि को स्थापित तीनों यंत्रों के सामने मिट्टी के घड़े में उपलब्ध अनाज , मेवे, सिक्के , चांदी, सोना रख कर मुख को लाल कपडे से वांध दें. घड़े पर स्वस्तिक, ध्वजा , शंख , कलश, देवी- देवताओं के चित्र बनायें ओर इसी प्रकार वहीं स्थापित रहने दें. चतुर्दशी की रात्रि में भी यहीं पूजन करें.
रात्रि को स्थापित तीनों यंत्रों के सामने मिट्टी के घड़े में उपलब्ध अनाज , मेवे, सिक्के , चांदी, सोना रख कर मुख को लाल कपडे से वांध दें. घड़े पर स्वस्तिक, ध्वजा , शंख , कलश, देवी- देवताओं के चित्र बनायें ओर इसी प्रकार वहीं स्थापित रहने दें. चतुर्दशी की रात्रि में भी यहीं पूजन करें.


Comments
Post a Comment