मेरी सिएटल डायरी के पन्ने
मेरी सिएटल डायरी के पन्ने
मुंबई से सिएटल का सफ़र काफी लम्बा है देखा जाय तो पूरी पृथ्वी का चक्कर लग जाता है. इस बार हमने वाया पेरिस जाने का फैसला लिया. टिकट डेल्टा एयर का था पर मुझे लगता है कि उन्होंने यह पूरा का पूरा शेडूल एयर फ़्रांस को आउट सोर्स कर दिया था सेवा सामान्य से कहीं नीचे, खाना स्वाद रहित और हृदयहीन बनावटी मुस्कान . कई बार हम लोग कई बार अपनी घरेलू एयर लाइंस को पैसेंजरों के साथ हृदय हीन व्यवहार के लिए कोस देते हैं. लेकिन कई विदेशी एयर लाइंस के साथ सफ़र करने के बाद मेरा मानना है कि एयर इंडिया उनसे कहीं बेहतर है लेकिन दुर्भाग्य से इस सेक्टर पर एयर इंडिया की उड़ान उपलब्ध नहीं है इस लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं था. उड़ान समय तो केवल १८ घंटे रहता है पर यदि पेरिस स्टॉप ओवर को जोड़ लें तो पूरे २४ घंटे की यात्रा की है. नतीजा यह है कि लम्बी यात्रा से ऐसा जेट लेग होता है कि सामान्य स्थिथि में बायो क्लाक आते आते पूरा सप्ताह लग जाता है.
मुंबई एअरपोर्ट पहले से कहीं बेहतर हो चुका है, अब आप इसका मुकाबला विश्व के अच्छे-अच्छे एअरपोर्ट के साथ आसानी से किया जा सकता है. इसकी तुलना में पेरिस एअरपोर्ट ज्यादा वडा है फ्लाईट ज्यादा हैं लेकिन उन्हें ज्यादातर दिन में ही उतरने दिया जाता है ताकि शहर में रहने वाले चैन की नींद सो सकें. यह आर्थिक मसल पॉवर से ही संभव हो सकता है. अब अपना देश भी आर्थिक महा शक्ति बनने की प्रक्रिया में है मौका पाते ही इस दिशा में कोशिश करनी चाहिए.
मुंबई एअरपोर्ट से निकलते ही झोपड़ पट्टी की जो कतारें दिखती हैं वे इंडिया शाइनिंग के सपने और ग्रोथ स्टोरी को चिढाती सी लगती हैं. इसके उलट पेरिस का एअरपोर्ट और उसके आस पास का इलाका बेहद साफसुथरा है, जहाँ तक निगाह जाती है वहां तक हरियाली ही हरियाली. एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल जाने की प्रक्रिया वेहद आसन इस लिए पेसेंजेर अपना ट्रांसिट समय पूरी तरह से एन्जॉय कर सकता है.
पेरिस से सिएटल आते समय करने को कुछ खास नहीं था इस लिए सोते हुए टाइम बिताया , हाँ जब सफ़र चंद मिनटों का रह गया तो फिर बाहर झांकना शुरू किया. लेक वाशिंगटन के बीच कई टापू हैं जिनका समूह सिएटल कहलाता है. लेक वाशिंगटन का एमराल्ड जैसा शुद्ध हरा पानी और उसके बीच ये टापू, उन पे फ़ैली हुई हरियाली, मन मुग्ध हो गया.
अठारवीं शताब्दी में अलास्का के सोने के व्यवसाय ने पूरी दुनिया भर के लोगों को आकर्षित किया तो उसका आख़री पड़ाव सिएटल रहा, शायद यहाँ की सम्पन्नता का बहुत बड़ा कारण अलास्का के व्यवसाय से मालामाल हुए व्यवसायी भी है. सिएटल वाशिंगटन स्टेट के उन चंद शहरों में है जिनकी वजह से प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर इस स्टेट का नाम मशहूर है. यहीं वायुयान बनाने बाली कम्पनी बोईंग का जन्म हुआ, स्टारबक्स काफी कम्पनी की शुरुआत हुई, मशहूर गायक जिमी हेंड्रिक्स भी यहीं का है.
मुंबई एअरपोर्ट से निकलते ही झोपड़ पट्टी की जो कतारें दिखती हैं वे इंडिया शाइनिंग के सपने और ग्रोथ स्टोरी को चिढाती सी लगती हैं.
ReplyDeleteअब ये समस्या तो भारत की अत्यधिक जनसंख्या की वजह से बनी ही रहनी है और बढ़ती ही जानी है.