tere bin
तेरे बिन दिन बीतें ना रातें कटती तेरे बिन घर आँगन में सूनापन है तेरे बिन चिडियां तोते कव्वे नहीं दिखाई देते सारे मुंडेरों पर रीतापन है तेरे बिन शाख शाख ने रोका मुझको और कहा पार्क लगे बेरौनक अब तो तेरे बिन सेज सजी पर खाली - खाली तेरे बिन हंसुली कंगन झुमका पायल चुप रहते हैं तेरे बिन तेरी मुस्कानों से जिनके चेहरे खिल जाया करते थे वही सखी और वही सहेली गुमसुम रहतीं तेरे बिन लाइफ में स्पाइस नहीं अब तेरे बिन लाइफ भी अब लाइफ नहीं है तेरे बिन